डारविन | Darawin

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Darawin by विश्वमित्र शर्मा - Vishwamitra Sharma

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सन म ० प भ टः (र प स हर र व ु 1 भा 9 हर गन ४2 1 र्न ~ £ ~< र ध , 4 क प ^ क्राइस्ट कालेज में भर्ती कराया । यहां धर्मशास्त्र आदि का अध्ययन करना आवश्यक था । यह विषय उसके लिए बहुत सरल थे । उस समय उसका वाइविल कै प्रत्येक शव्द मे पूर्णं विश्वास या । कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में डारदिन ने अपने विद्यार्थी जीवन का भरपूर लाभ उठाया । वह शिकार में आनन्द लेता, निशानेबाजी करता और साथियों के साथ वाहर मंदानों में जाकर प्रकृति का आनन्द लेते हुए दिल खोल कर गाता! उसके साथियों मँ भू ओर वनस्पति विज्ञाने संबंधित छात्र भी हुआ करते थे । यहां उसे एक और लाभ हुआ। वनस्पति शास्त्र के प्रोफेसर जॉन हैन्सलो से उसकी मित्रता हुई। वनस्पति विज्ञान के साथ-साथ उसकी रुचि रसायन, खनिज ओर जीव-जन्तुभों मे पहले से थी । गुरूशिष्य दोनों की रुचियां समान होने के कारण उन्हें मित्र बनते देर न लगी । अध्यापक हैन्सलो की दोस्ती के कारण डारविन को यह जात हुआ कि वह किस प्रकार इन विपयों का अध्ययन करे और फिस प्रकार उन पादरी का शिक्षण .: 15




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