हिन्दी विपूवकोष | Hindi VipuvaKosh

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Hindi VipuvaKosh by नगेन्द्रनाथ बसु - Nagendranath Basu

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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खामादारो--स्वापा १९ भासं । पवानातलायो क्िखो क्किपो चोजको ठ ठनेके ज्ये शेते हे । स्वानादारो ( फाण्ख्रो०) गा स्थद, ग्टइस्थी । स्वानापोना ( छिं० ) खानपान दे दो | खामापुरो ( छिं० स्प्रो० ) खालो जगह का भराव। ख॒ नापुर-१ बम्ब प्रान्तके बेलगांव जिलेका एक साझ क । यड अत्तार १५.२२. तथा १५. .ॐˆ उर आर देशा० ७४ ५ एवं 3४' ४४ के वोच पड़ना डे) खानाएरका रकवा देश वगमोल पौर भावादौ नग भग८५५८.६ है। इस द णमे दक्षिण तथा दक्षिण-पश्यिम- को पद्ाड भर जड़ल है । खेतो का कह्ों नाम नहों । इसके उत्तर-पश्चिमस्थ पव त प्रधानत: उच्च लगते हैं । कन्‍्ट्रस्यल, उत्तर पूवं ओर पूव में लमोन बदत अच्छो है । २ बब्बईसे सतारा जिलेका एक ताक ,क । यष अक्षा० १७” प् तथा १७ २७ त० भोर दे शा० ऊध १४८एव' ७४* ५१. पूण्के मध्य भ्रवस्थित है । क्षेत्रफल ५१० वगमो भौर लोकसंख्या ८५८११ है । यहां ब्त कम जङ्गल है। यरला गदो खानापुरक्त उत्तर से द्क्षिणक्षो छष्णासे मिसनेके लिये निकल मयो ह) १ बम्ब प्राग्तोय सतारा जिलेके खानाणुर ताज्ञक- का एक गांव । यह अचा० १७ १५ जन और द शा० 3४ ४३” पून्में बोटासे लगभग १० पूवको 'भवस्थित रे , इसको जनसंख्या प्राय; ४९२२८. है। भूपालगढ़क पास पड़नेसे यद्द पुराने समयमे श्रपने निकटस्थ प्रद थ- का सदर दा । नगरमें पत्थर भर महेको दोवारों सोर बुजेदार फाटकोंका भग्नावशेष विद्यमाम है। इस गांववी मसजिदमें भरवो आर कनाड़ो भाषाके शिलाफलक लगे हैं । खानावदोग ( फा० वि० ) ग्दइडोन, उउझ,_, जद़ं तह रहे जानवाला। खानाशुमारो ( फान स्त्रो ) ग्दइगणनाकाय, मकानों शा शुमार खगानेको लत | खानि ( सं० स्त्री ) स्व॒निरेव-प्रपोदरादिवल तड: । खमि, सदन । खानिक ( सं० क्लो ) खानेन लगमेन नि त्तमू, कन- 01. पा. 4 ठज. । १ कुद्यच्छ , दोवारका गङ्गा । रे रन, जषा दात । सानिल , सं० त्रि° ) खानं शमम शिल्पत्व ना स्तद्स्थ, खान बाडुनकात्‌ दख । सन्धिदोर, नकवजनम, संघ लगानवानता + खानिष्क ( सं० क्लो ) अति शुष्क मांस, बहुत सूखा मा गोशत । लानो(संन्स्टो) खनिव। ङोष । खनि, तदान। खानुखा--राजपूनामाके भरतपुर रान्यको इपषाष तड सोलका एक गांव । यह पच्।° २७ २चखन्भौ. टेणा० ७5 ३३. पण्मे वाणगङ्काके नदोकं वामर निकट भरतपुर गगरसे प्राय: १३ मोल दक्षिण अवस्थित टे । रोकसंख्या प्रायः १८५७ रोगो यों १५२७ न्वे मायं माखको ब.वर पौर मेवाड-रालासंप्रामसिंदक प्रधन दाजपृत राजाभोंडं वोच धोर्युह इषा । प्रथ मत: बादशाइने डरने पर शराव न पोनेका शपथ लया और सोने चांदोके प्रबलो. भौर पियालों का तोड़ करके गरो बांट दिया था । परन्तु पोकेको राजपूतोंके हारने पर राल। जख्मी ो करके मुश्किलसे भाग पाये भोर ख्‌ गरपुरकं रावल दयसिंडः काम भाय । खानोदूक ( स क्रा० ) खानाय पानाय उद यत, वतो नारिकेलफल, मासि्यल, इम। ष्व।न्य ( व° तरि० ) खन-ण्यत्‌ । खनन्‌ ज्या जानेवाला, जो खुदन लायक इ! । ( ना्य(० ग्रो° ८३।४।५) खापगा ( सं° स्त्रो° ) खस्य भ्राकाशस्य आपगा, ९-तव्‌। ग्ग, सुरसरि) खापट (हि ° स्वौ °) भूमिविशेष, किमो किस्मको जमोन्‌ । इसमें लोहका भाग अधिक रहता हे । खापटकौ मरै कड़ी और भारो पड़ती भ्रौर पानो पड़मेसे लसलसानं लगती है । इसको केवल वर्षा ऋतुमे शो श्राकषण कर सकते हैं । खापटमें सिवा धानकं ओर कुक नहों उप- जता । इसको मट्दों कपसा या काविस कइस्ालों है । काविससे कुमार वतन बनाया करते हैं । खापा--मध्यप्रदेशके नागपुर जिलेको रामटेक तहसोलका एक नगर । यच अ्ता० २१ २४ उ० और देशा० ८“




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