सकारात्मक सोच की कला | Sakaratmak Soch Ki Kala
श्रेणी : मनोवैज्ञानिक / Psychological
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10 MB
कुल पष्ठ :
160
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)सकारात्मक सोच की शक्ति 15
केवल सकारात्मक चिन्तन करके बहुत अच्छे परिणाम की आशा करते
है तो आप अपने समस्त तत्रिकातंत्र को ही दबाव में रख रहे है|
इसके विपरीत आप सकारात्मक कार्य मे सलग्न रहते हुए इस
धारणा को पुष्ट करे कि चाहे कितना विलम्ब क्यो न हो इसका निश्चित
रूप से शुभ परिणाम होगा । धीरे-धीरे आपके व्यक्तित्व का ऋणात्मक
आधार समाप्त होता जाएगा ओर उसके स्थान पर धनात्मक स्वरूप
प्रतिष्ठित ओर सुदृढ होगा | जब आप रचनात्मक चिन्तन के अद्भुत प्रभाव
का अनुभव करने लगेगे तो न केवल आपका शरीर बल्कि, परिस्थितिया
भी इस प्रकार परिवर्तित होने लगेंगी जिससे जीवन के सर्वोच्च लक्ष्य
आत्मसाक्षात्कार की प्राप्ति होगी । सकारात्मक सोच का अन्तिम लक्ष्य
भी यही है।
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