मीमांसा - दर्शन | Mimansa-darshan

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Mimansa-darshan by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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श्रनुक्रभयिका पिपय ८३ सोमेश्वर भद्र, परितोप तनिन्न दलायुघ मद्रं चिदानद पंडित, गगाधर मिश्र; वेदान्तदेशिक । माधव।चायै-परिचय, फाल, श्रगाध विद्वत्ता श्रौर रचनयि ! र दप्ति ठङुर, रामकृष्णं भट, र्ुनाथ भद्ाचाये, श्रनम्भ्‌, श्रष्परयनीद्धितः विजयीन्द्र तीर्थ, बेंकटेश्वर दीक्षित, नारायण भट्ट प्रथम, लौगाचि भाष्वर, भटवेशय, नारायण भड़ द्वितीय, शभु भट प्रथम, नीलकंठ दीक्ित, शकर भह दवितीय) दिनकर भद्र, नारायण पंडित, कमलाकर मट, श्रनन्त भट्ट, विष्वेश्वर उपनाम गागामह, श्रापदेव द्वितीय, श्वनन्त देव प्रथम, अनन्त देव द्वितीय, जीवदेव, कौष्देव । संश्देय मिश्र--दसकी रचनायें श्रीर शैली । शंय भट, राजचृडामणि दीननित, वेगयध्यरिन्‌+ गोपाल भ त्रितीयः रापवेस्द्र यति, रामर'णु दीत्तित, सोमनाथ दीक्षित, यजनारायण दीक्षित, गटाघर मद्दाचायें, वैद्यनाध तत्सत्‌ , सुरारि मिश्र तृतीय, भास्कर राय, वासु देव ददित, सेनय पायरु डे, रामानुजाचायै, नारायणं सथ, ब्रह्यानद सरम्यती, राघवानन्द सरस्वती, गालक्ृष्णानन्द, उत्तमश्लोकतीष, स्ष्ण- यप्वन्‌ , रामेश्वर | पर्थूरवश--परमेश्यर द्वितीय, परमेशयर प्रथथ--नियास- स्थान श्रीर नामकरण, फाल | ८ प्रभाकरपरपरा ६. प्रभाकर मिश्र--उमारिल श्रौर प्रभाकर, पौर्वापये, काल, रचनायें, शैली, मद्दान्‌ पिचारक, उसकी तेन । शालिक्नाथ मिश्र-देश आर काल, उसकी स्चनर्यश्रौर गेली ! भयनाथ मित, गुरुमताचायै चर, नदीश्वर, मदट्विष्णु, वरदराज । ६ मुरारिपरपरा सदर मुगरि मिश्र--रचनायें, काल, उसके पिंचार, विद्वानों द्वारा द्यादर | १० समीक्षा २८५ ११ श्राघुनिक काल रन्त




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