ओथेलो | Othello

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Othello by शेक्सपियर ऑथेलो - Shakespeare Othello

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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करपना शक्तिते भयानक शीघ्रता की पना काम करडाला । यदि बंद विचार शूत्य न द्ोगया होता श्यौर केलियो के देशदामिनी के साथ झु हद व्यवदार पर कुछ भो सोचता या देशदापिनी या यमि - यासे इसका चूत्तान्त पूछ लता तो सब रदस्प प्रकट होजाता और थ्रोयेलो उतावला दोकर बावजा न चनता।लिद्रप्बनर्था बहुजी सचंति। घोधेलो ने दुष्ट यागो को जो थोडास। छिद्र दिया बह होतें नम करगया । औओथेज्ञो का पप्म छोऊक का कारण यह नहीं दे कि उसपर कलेक लगेगा किन्तु उसका यह कारण हे कि उ्तका जों देशदामिनी पर पूर्ण विश्दास था उस विश्वासकी ही क्षति होनेयर उसकी जान जातीरही ।. --*- दर देशदामिनी-देंशदामिनी की छवि की. मनोहरता से उप्तकी ध्यात्पाकी शखता तुननना करती है । उसमें स्वथिका नाम नहीं पाया जाता वह इतनी पुनीत श्योर पवित्र दे कि उस को पतित ललनाओं का नाम लेन तक में घूणा होतो हे । उसकी सच्चरित्रता उलका भोलापन, उसका उच् के रहे न सहन के लालित्य और सौन्दर्य से लोग मोहित होजाते हैं योर उसकी प्रशंसा करते हैं । यागोकों छोड़कर जिलका पत्थर का कले- जा था सब नाटकपात्र उलको प्रप्रकी दृष्टि से देख ते हूं । केबिषय में तो क्या कहना दे कि वहतो उसके पूर्ण ही हे 1 'केखियो उसको घ्यादर और प्रेम की दृष्टि से देखता हे । झटइड़ रा” ईलिया सेदरिगो भी उसके सतीत्व ओर लावण्य से परिचित है। नि चट ग्रामीण यमिलिया जो सेपट समाज ४ पाली फोसी गयी थीं उसकी संगतिसे बहुत उच्च होगईथी यहां तक कि उसने अपने प्राण की बाजी खेलकरभी रूमालन के विषय में सत्य बातो आंत में खोल डाली । शक्लपियरने जितने झियों के चित्र खोचे हैं. कदाखितू बन सोम देशदामिमिनी दो सबको सग्ब करती हे । उस का स्वमाव सोन्दर्य बिखित्र दे उलका निश्वल प्रेम, उसकी ख शीलता,




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