भवभूति और उनकी नाट्य - कला | Bhavbhooti Aur Unki Natya Kala

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Bhavbhooti Aur Unki Natya Kala by अयोध्या प्रसाद सिंह - Ayodhya Prasad Singh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सु संघ अ० रा अ० दऽ अभि० ना 19, द५ ए० ॐ० चम एु० ञ्यो० ए० चु° एनर्क्ष भा० कथा ० ० उण चख० कण प्र० का० मा० मा का० मी० काब्या ० का स्रू० 9 हि लि० क्खा० ड्रा५ क्षीर० अ० कछो० जे-ए-ओ-एस जे-जी-आर-आई टो० स० तु ० तु० 5४ द्‌०9 हि © छि 9 दे० ^ 91 चू €= =‰< च्छ + ५६ ९ ५ ५ ४ । : अरस्तू का काव्यशास्त्र : डा° नगेन्द्र ॐ अनर्धराघव : अभिज्ञानरङुन्दल : नास्यशाख्र ( अभिनव भारती सहित ) : गायकवाड ओरियिण्टल सीरीज : अष्याध्यायी : इण्डियन्‌ एण्टीक्वेरी ® 8 + के के उत्तररामचरित एन्दोण्ट ज्यॉगरफी ऑव इण्डिया : लनरल कनिंघम एरिस्टोरिस्स यिअरी अवि पोष्टरी एण्ड फादन आट स : एस एच० बुचरं : एनस्स ओव द भाण्डारकर ओरियण्टर इन्स्यीच्यूट ॐ #॥ कथासरित्सागर : निर्णयसागर प्रेस उत्तररामचरित : पी वीर काणे : कृव्यप्रकडि ॐ कै ड मालतीमाधव : एम० आर० काटे कात्यमीमांसा : काव्याद क कै ॥) : काव्यालङ्कारदू्रश्त्ति : हिस्यरी मवि क्लासिकृर संस्कृत छिर्य्वर : एम ० कृष्णमाचारियर : द क्लासिकल ड़ामा ओव इण्डिया : हेनरी उन्ट्यू° वेस्स : अमरकोश्च : क्षीरस्वामी जर्नल ओव द अमेरिकन ओरियण्टल सोखादटी : जॉर्नल ओव द्‌ गङ्ञानाथ झा रिसर्च इन्स्टीच्यूट महावीर्चरित : टोडरमल : तुलना कीजिए, ; दशरूपक ॐ ; ए हिस्टरी अव संस्कत लिटरेचर ( क्लासिक पीरियड ); खण्ड १: एस० एन० दासगुप्त और एस० के० दे ः देखिये




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