विज्ञान पत्रिका | Vigyan Patrika
श्रेणी : विज्ञान / Science
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
12 MB
कुल पष्ठ :
44
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)® राधाकात अथवाल
| ` मा ननीय श्री कृष्ण चंद्र पंत. उपाध्यक्ष, योजना
| | आयोग द्वारा राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस (11 मई)
--। 2002 के अवसर पर नई दिल्ली में आयोजित
एक समारोह में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग
. (विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय) की ओर से नेशनल रिसर्च
डवलपमेट कारपोरेशन (एनआरडीसी) द्वारा प्रदत्त
प्रौद्योगिकी दिवस पुरस्कार प्रदान किए गए |
इस अवसर पर विज्ञान व प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री
श्री बची सिंह रावत, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान
विभाग के सचिव व वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान
परिषद् के महानिदेशक डॉ. आर. ए. माशेलकर, विज्ञान और
प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रो. एस. राममूर्ति, जैव
प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव डॉ. मंजु. शर्मा, महासागर
विकास विभाग के सचिव डॉ. हर्ष के. गुप्ता, विज्ञान एवं
प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त सचिव श्री अमिताभ पांडे और
एनआरडीसी के प्रबंध निदेशक श्री एन.के. शर्मा भी उपस्थित
थे |
इस वर्ष जैव प्रौद्योगिकी, विद्युत, इलेक्ट्रॉनिकी,
यांत्रिकी तथा धातुकर्म के क्षेत्र से जुड़े राष्ट्रीय महत्व के कुल
7 आविष्कारों को पुरस्कृत किया गया | इस अवसर पर वर्ष
2001 के लिए घोषित वाइपो स्वर्ण पदक भी प्रदान किए
गए]
शेप मेमोरी एलॉय (एसएमए) एक्चुएटेड स्टेप्पर
ड्राइव मैकेनिज्म अर्थात् अपनी मूल आकृति याद रखने वाली
है मिश्रधातु प्रवर्तक कृत्रिम चालन यंत्रावलि के विकास
है के लिए वंगलौर स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान
8 संगठन के उपग्रह केन्द्र के सर्वश्री एन विश्वानाथा,
वैटीपी. मुराली, एम.के. रविन्द्रन, टी.एस. सिमिल
ओर एन. प्रसाद को संयुक्त रूप से 60.000 रुपये
§ का पुरस्कार प्रदान किया गया। भारतीय उपग्रह
§ टनसेट-2 ई मे शेप मेमोरी एर्लोय आधारित, देश
8 में ही विकसित दो सोलर फ्लैप ड्राइव यंत्रावलियों
का उपयोग किया गया है, जो कि संतोषजनक
ढंग से काम कर रही हैं ।
बना बनाया लॉन कोकोलॉन के
डिजाइन एवं विकास के लिए केयर बोर्ड, कोचि, केरल के
श्री किस्ट्री फर्नाडीज, डॉ. उमा शंकर शर्मा और श्री के.पी.
सोमन्थन को संयुक्त रूप से 40,000 रुपये का पुरस्कार
दिया गया। कोकोलॉन एक पर्यावरणसम्मत लॉन है, जिसे
बनाने मे प्राकृतिक केयर उत्पादों का इस्तेमाल किया जाता
हे। इस नए प्रकार के लोन में मिट्टी का इस्तेमाल नहीं
होता ओर न ही नाशीजीवियोँ यानी पेस्टीसाइडों का । इस
लोन को लपेटा अर्थात् रोल किया जा सकता हे ओर इधर
उधर ले जाया जा सकता हे । इस लोन को बालकनी, छत
या किसी अन्य जगह बिछाया जा सकता हे |
पादप ऊतक संवर्धन हेतु एक उपकरण के
विकास के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई आईटी)
खड़गपुर कं ड. पी. एस. भट्टाचार्य, ड. वी. सी. भट्टाचार्य
ओर ॐ. सत्यहरि ड को 40.000 रुपये का पुरस्कार प्रदान
किया गया | इस उपकरण के उपयोग से ऊतक संवर्धन
माध्यम की लागत में 75 प्रतिशत तक की बचत होती है ओर
ऐगार-संपूरित माध्यम के मुकाबले इसमें वृद्धि दर काफी
तेज पाई गई हे। इसके उपयोग से इस काम में लगे
आदमियों की संख्या में कमी आती है और साथ में लगी
ट्यूब के जरिए संवर्ध (कल्चर) के बदलाव के कारण लगने
वाले जैव विकास संबंधी समय में भी बचत होती है। उसमें
उप संवर्धन (सब-कल्वर) की आश्यकता न रहने से संदूषण
की समस्या न्यूनतम हो जाती है | इस उपकरण के उपयोग
में एक फायदा यह भी है कि साथ में लगी ट्यूबों से माध्यम
की अवस्थाओं का र्मोनीटरन किया जा सकता है |
विज्ञान,८^अगरत 2002414
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