देश दर्शन | Desh Darshan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
79
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)सेनापति थां । कुछ समय तक भगवानदास पंजाब का
मूबेदार रहा । १५८५ हे० में उसने अपनों बेटी जहां-
गीर का ब्याह दी । भगवानदास का गाद लिया हुआ
बेटा मानसिंह १४६० में इस राज्य की गद्दी पर बेठा ।
पानसिंह ने १६१४ ई० तकर राज्य भिया । राजा मान-
सिंह मुगल राज्य का सबसे बड़ा अफसर था । वह
७००० पुड़सदारों का सेनापति था उसने मुगलों के
लिये उड़ीसा, बड़ाल चार आसाप में युद्ध किया । वह
काबुल, बड़ाल, बिहार थ्ोर दक्षिण का सूबेदार रहा |
राजा मानसिंह ने सचमुच मुगल साम्राज्य का मान
बढ़ाया । जंसिंह प्रथम भा इस राज्य का विख्यात राजा
था। उसने दन्तिण पं आरङ्जेष की सव लड्ाहयां
लहुं । वह ६००० घुड़सवारों का सेनापति था पर
अन्ते श्रौग्जेष उसस जलने लगा । १६६८ ३-पं
ओरङ्जेव ने जहर दिछा कर उते मरवा डाला । जेसिंह
प्रथम $ पश्चात् दा राजा साधारण हुये । इनके पश्चात्
जसिंह द्वितीय या सवाई जेसिंह बहुत परसिद्ध थे । यह
उपाधि मुगल बाःशाहङी श्र स मिली थी। सचमुच
वह अपन समकालीन राजाओं से वीरता अर दृसरे
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