न्यामत बिलास [अंक 9] : स्त्रीगान जैनभजन पचीसी | Nyamat Bilaas [Ank 9] : Strigaan Jainbhajan Pacheesi
श्रेणी : जैन धर्म / Jain Dharm, धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
528 KB
कुल पष्ठ :
26
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)दे ~न
१५]
किया हित ना अहित का विच प्य । मन यव. । १।
हैं जवानी गंवाई विषय भोग में ।
किया विषयों को तूने निज यार प्यरे। मन अब ० । २।
अव् तो न्यामत इपृत तज दीजिये ।
वस्ने अवरे बहप दिन चार प्यारे । मन अव०। ३ ।
(२०)
॥ चाक ॥ छमी रनेदन अभ कर ॥ दःदय्जी दौ परनाय॥
( ये गीत ढढकी के ब्याह में गाया जाता है / |
ऊमीराजरू अजकरे । ऊभीराजल अजेकरे ।
जानेदो जी गिरनार ।
माता मेरा जिया नहीं भोगों में ।
जाने दो जी गिरनार।
माता मेरा जिया नहीं मोग में ।
नहीं भने में नहीं मोगों मैं ।
नहीं भोगों में नहीं भोगों में ॥
कोई यो झूठा संसार।
५
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पातामेस जिया नदी मागोमे॥
सव सास्य का पार !
माता मेरा जिया नहीं भोगों ।१॥ .
उभी राजङ अजं के ।
कर जोड राजल अजं करे ।
मेरा तारे हार सिगार!
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