सुबोध जैन पाठशाला [भाग १] | Subodh Jain Pathshala [Part 1]
श्रेणी : जैन धर्म / Jain Dharm
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
310
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)ॐ रमो राणस्व £
पाठ १ पहला
नमस्कार मन्त्र
रासो श्ररिहंतारं , सासो सिद्धारं, रामो श्रायरियारं 1
रणमो उवज्छायाणं, रमो लोए सब्व साहूरणं 0 १॥
एसो पंच... नमोक्कारो, सब्व-पावृ-प्परासरो ।
संगलाखं च सर्व्वेद्धि, पढमं हुवइ मंगलं ॥२॥
राव्दाथं :
पाच पदो को नमस्कार
१. रमो = नमस्कार हौ । श्ररिहंताणं =श्ररिहन्तो को ।
२ शमो = नमस्कारहो। सिद्धाणं=सिद्धोको।! ३ रमो
नमस्कार हो! श्रा्यरयाणं =ग्राचार्यो को। ४. रमो
नमस्कार हो । उवज्भायारणं > उपाध्यायो को । ४५ रासो --
नमस्कार हो\ लोए~लोक मे रहै हुए \ सव्व सव
साहूणं = साधृग्रो को 1
नमस्कार फल
एसो = यह् ! पंच पांच \ मोक्गारो = नमस्कार) सव्व =
सब } पावप्पणासरणो पापो का नाद्च करते वाला है।
च-श्रौर।
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