बाप बेटा | Baap Beta
श्रेणी : उपन्यास / Upnyas-Novel

लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
332
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)२१
हौ, तुम्दि स्वागत में मेरे लाटले ! श्रपने समस्त वमव से पूर्ण
ह यह वसन्त । फिर भी सै घुश्किन से सहमत हूँ; तुम्दें यूजीन झोने-
गिन का चह हिस्सा याद दे
भग्नो बसन्व, श्रो प्रेम की बेला, तेरा झागमन कितना दुखद ज
सेरे लिए । क्या---)
“'छाफै'डी ” टमटम से चैजारो की झावाज भाद । “जरा दिया-
सलाई तो भेजना, पादप जलाने को मेरे पास कुछ भी नहीं ।”*
निकोलाई पैदरोविच सुक गया, 'आाकेडी ने जो उसे सहानुभूति
मिश्रित ध्राश्चयै से सुन रदा थाजेश्र से चांदी की दियासलादई री
“डिपरिया निशात और प्योतर के हाथ वैजारोव के पास भेजी |
` भव्या तुम्हें चुरट चाहिए ?”” बेजारोव ने फिर चिल्लाकर पूछा ।
“नेकी श्र पूछ पूछ,” ध्याके डी ने उत्तर दिया 4
प््रोतर दियासला भौर एक मोरा काला चुरट लेकर वापस ष्या
जिसे ्ाकरष्डी ने उसी समय जला किया, यौर रेखा गादा, घना;
तीखा घु था छोड़ने लगा कि निकोन्नाई -पेट्रोचिच ने, जिसने अपने
* जीवन में कभो तम्बाखू नहीं पी थी, झपनी नाक चुपचाप उधर से
, हरा न्नी ताकि उसके बेटे की भावनाओं को ठेस न लगे । ॥
पद मिनट मं ही गादिर्यो लकौ के नए बने सकान की सीढ़ियों. -
के पास जाकर रुक गई । मकान भूरे रंग से पुता डुश्रा था, श्रौर उसकी
छा म सोदे की लाल 'चद्दरें लगी हुई थीं । यह मैरिनो था, जिसे नया
.. सुरवा, मा फिर किसानों के शब्दों में निर्जन फामे भी कहा जाता था ।
User Reviews
No Reviews | Add Yours...