शेखावाटी वैभव | Shekhawati Vebhav
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
194
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)और मारत-भक्त होने के साथ-साथ राजस्थानी होने का भी गौरव अनुभव
करते हैं। इनमें बडी संख्या शेखावाटी-अंचल के लोगों की है, जिनमें कई
उद्योगपति तो विश्व मर गे प्रतिष्ठा पराप्त करे मे सफल हूए हैं।
शेखावाटी की यह भी एक अपनी विशेषता है कि यहां की जनता में
सैनिक-वृत्ति धारण करने वाले लोगों की संख्या असाधारण रूप से अधिक है।
यह प्रवृत्ति इस प्रदेश में परम्परागत है, जो अद्यावधि ज्यों की त्यों बनी हुई
है मौर देश की सुरक्षा हेतु अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है।
इसी क्रम में यह तथ्य भी ध्यातव्या है कि शैखावाटी का जन-जीवन सदा
से साम्प्रदायिक सद्भावना से ओतप्रोत रहा है, जो सम्पूर्ण देश के लिए एक
अनुकरणीय आदर्श है।
शेखावाटी के इतिहास के सबंध में कई ग्रंथ विरचित हुए हैं, जिनमें प॑
झाबरमस्ल जी शर्मा (जसरापुर) तथा ठा सुरजन सिंह जी शेखावाटी (साझड)
के नाम इतिहास-वेत्ता के रूप में विशेष ख्याति प्राप्त है। इनके अतिरिक्त श्री
-रथूनाय सिंह शेखावत (काली पादी) तथा श्री रतनलाल मिश्र (मण्दावा) ने
शभ इस् विषय मे अच्छा कार्यं किया रै! दसी करम में समय-समय पर घेस्वादाटी
के कतिपय नगरों से सम्बंधित महत्वपूर्ण ग्रंथ भी सामने आए हैं, जिनमें फतेहपुर,
नवत्तगढ, बिसाऊक, शिमला, चिडावा तथा मण्डावा विषयक ग्रंथ विशेष उस्तेखनीय
है। इन ग्रंथों को बढ़ी लोकप्रियता प्राप्त हुई है।
तना सव होने पर भी शेखावाटी प्रदेश से सम्बधित एक समग्र-ग्रंध की
कमी काफी समय से अनुभव हो रही थी, जिसकी सम्पूर्ति करने का श्रेय श्री
'ताताचंद प्रकाश को प्राप्त हुआ है। एसदर्थ आप अभिनंदनीप हैं।
किसी भी प्रदेशं का समग्र-विवरण उसकी धरती, उस धरती का जन और
उस जन की जीवन~पद्धति का स्पष्ट चित्रण उपस्थित करने पर ही सही रूप
भे सामने भा पाता दै! हर्षं का विषय है कि निष्ठावान लेखक ने इन सभी
तत्व को ध्यान में रखते हुए 'शेखादाटी चैभव' ग्रंथ प्रकाशित करने का 'गौरव-प्राप्त
किया है, जो अत्यधिक श्रम-साध्य हहोने के साथ ही प्रचुर व्यय-साध्य भी है।
*शेखावाटी चैमव' में इस अंचल का पूर्ण परिचय देने का सफल प्रयास
किया गया है। साथ ही विदान लेखक ने इस बात का भी सर्वत्र पूरा ध्यान
रखा है कि वह सक्षिप्त रूप में प्रस्तुत किया जाए, जो विषय को
त षय के विस्तारको
शय मे शेखावाटी प्रदेश की भौगोलिक एवं ऐतिहासिक जानकारी के साथ
यहां के दर्शनीय विशिष्ट स्यानों का परिदय भी दिया सया है। इसी प्रकार
यहां के निवासियों की सामाजिक तथा धार्मिक स्थिति का भी समुचित विवर्ण
है। यह! सक कि सोक-दिश्वासो पर भौ अच्छा प्रका टाला गया हैष ग्य
॥१
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