पथ चिन्ह | Path Chinh
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
119
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about श्री शान्तिप्रिय द्विवेदी - Shri Shantipriy Dwivedi
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पथचिह
किन्तु जाह, क्या अब भी मै यही कह सकतः हँ ! वह वात्सद्यमयी
तपरिवनी आज कहाँ है ?--
“मानस को उथल-पुथल करके
गह्खमजल को उज्ज्वल करके
तू किधर भयौ, ठड्डीन हुई
हा, किस अनन्त में लीन इई
जेसे माँ के पीछे-पीछे कोई शिशु अपने नन्हें-नन्हें पर्गों से दौड़ता
हुआ चला आता हो ओर एकाएक उसे ओकर हो जाने पर शल्य में
बिलख पढ़ता हो, आज उसी प्रकार मेरे शिशुप्राण क्रन्दून कर उठे हैं--
अथाह मूक कन्द्न!
आज मैं जानता हूँ, सत्यु कया है। लेकिन अपनी आयु तो मैं.आाज
मी नहीं जानता । हाँ; अब सी में अपनी बहिन से बारह चष छोटा हूँ,
बारह वषं बाद भी मैं उससे इतना ही छोटा रहूँगा, सानों जीवन के पथ
में वह सुझे आगे के पदुचिह्वों की ही वसीयत छोड़ गयी है ।
काशी,
्िं
माच, ३९६४०
User Reviews
No Reviews | Add Yours...