परलामेन्टरी सरकार इंगलैण्ड | Paralamentary Sarakar Inglend

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Book Image : परलामेन्टरी सरकार इंगलैण्ड  - Paralamentary Sarakar Inglend

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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संविधान--स्वरूप और विशेषताएँ घंगलेरड का संविधान शरद भी विकसित होता जा रहा है। यही इसकी सबसे बड़ी विशेषता है। संविधान का प्रमुख श्रंश प्रथात्ओों श्रौर परम्परात्यों पर आाधास्ति है । इसी कारण विशेष परिस्थितियों के संविधान विकासात्मक श्रवसर पर सुगमतापूर्वक परिवर्तित हो लाता है। चिटेन सें कमी ऐसा समय नहीं राया जवे संविधान की दुरुहता परिवर्तन मे वाधक वनी हो । त संविधान के तत्व संविधान कई तत्वों से मिल कर वना है | सर्वप्रथम तो चार्टर हैं जिन्हें इंगलैंरड के वादशाहों ने समय पर स्वीकार किया है। चाटर राजा की तरफ से स्वीकृत स्वतंत्रता-पत्र हैं । कुछ प्रार्थना पत्र ( 26४६1. विरि संविधान में 008) और पार्लमेर्ट के द्वारा पास्ति कानून है-- क्या है ? महा स्वतंत्रता पत्र ( १२१४ ); श्रधिकार पाथना पच चाटर आर प्रमुख कानून ( १६२८ ); श्रधिकार विधेयक ( १६८६ ); उत्तरा- धिकार नियम ( १७०१ ), स्काटलेर्ड के साथ यूनियन का नियम ( १५०१ ), १८३२२, १८६४ शरोर १८८४ का सुधार नियम, मतदान नियम १८७२, पारलमेरट नियम १९११, लोक प्रतिनिधित्व नियम १९२८, और १९४८, वेस्टमिनिरटर का कानून १९३१ | पालमेरट ने समय समय पर श्रनेक कानून पास किया है । ये कानून साधारण होते हुए भी संविधानिक महत्व केह] इनके दवाय मतदान कै श्रपिकार की विस्तारित किया गया । निर्वाचन पद्धति निश्चित हुई । स्टचुट ... ... राज्य कर्मचारियों के द्धिकार श्र कर्तव्यों के सम्दन्ध मं उपयुक्त नियम बने । व्यक्तियों के झधिकार संरक्तण का प्रयन्ध द्रा । इंगलैरड में संविधानिक तथा साधास्ण कानूनों में कोई मेद नदीं है । पार्लमेंए्ट किसी भी समय साधारण प्रणाली से दड़े से बड़े कानमों को परिवर्तन कर सकती है । समय समय पर ब्रिटेन के न्यायालयों ने चार्टरों तथा विभिन्न कानूनों का श्र्थ लगाया है जिसके द्वारा उनकी धाराओं की सीमा निश्चित हुई है | ब्रिटिश न्यायालयों को पार्लसेस्ट के काननों को द्वेषे घोषित न्यायालय के. करने का श्धिकार नहीं है । पर जो नियम प्रशासकीय निखेय श्रधिकार्यिं के द्वारा जारी किये गए हैं। उन्हें न्यायालय वेध घोषित कर सकते हैं ।




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