भासा रहस्य भाग १ | Bhasha-rahasye (vol-i)
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
15 MB
कुल पष्ठ :
422
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)भावा-रहस्य
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पहला प्रकरण
विंपय-प्रवेश
यद्यपि भाषा-विज्ञान अर्थात् भाषा का वैज्ञानिक अनुशीलन
भारतवषं के लिए कोई नई बात नहीं है तथापि उस शाख. का
वतमान रूप उन्नीसवीं शताब्दी के योरपीय विद्वानों के अध्ययन
श्रौर अनुशीलन का फल है । हिंदी, मराठी, बंगला आदि देश-
भाषाओं में भाषा-विज्ञान का यही वर्तमान रूप ग्हीत हुआ है।
भाषा-विज्ञान नामः भी इसी बात का परिचायक रै । वह 36676
07 [2110226 का ज्रजुवाद सात्र है । अतः इस शाख में प्रयुक्त
संज्ञाओओं और परिभाषाओं को सावधानी से समझना पड़ता है;
उनमें संस्कृत श्रौर हिंदी के सामान्य अथवा विशेष अर्थों को
ढूँढ़ना श्रामक होगा । आजकल की हिन्दी में भी शब्दों का
दा अर्थों में प्रयोग होता देख पड़ता है। एक अँगरेज़ी का
विद्यार्थी उसी शब्द में एक ओगरेजी के प्रतिशब्द का भाव
भरना चाहता है श्रैर एक दसरा संस्छृतज्ञ विद्वान् उसी शब्द से
संस्कृत मेँ प्रचलित अथैका बोध कराता है। ऐसी स्थिति सें
भाषा-रहस्य कं जिज्ञासु को प्रयोक्ता के श्रभिप्रेत अथे का सममन
के लिए सदा सतक रहना चाहिए ।
जिस प्रकार कार्यों को देखना श्र उनकी परीक्षा करके
नियम-उपनियम बनाने का यत्न करना विज्ञान का काम है, उसी
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