बीमारी में भोजन कैसा हो | Bimari Me Bhojan Kaisa Ho

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Bimari Me Bhojan Kaisa Ho by रेनू चौहान - Renu Chauhan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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कहे दवाई लेना बंद न करना । तुम्हें आराम भी अधिक करना चाहिए । ज्यादा धुएं तथा धूल में नहीं रहना चाहिए । खुली हवा में सांस लेना लाभकारी होता है । राधा ने चिंतित होते हुए कहा लेकिन बहन यह तो छूत का रोग है । माला बोली हां छूत का रोग तो है लेकिन घबराने की कोई बात नहीं । गीता तुम अपने कपड़े तौलिया व बर्तन आदि अलग कर लो | इस बात का ध्यान रखो कि इधर-उधर थूको नहीं । खांसी आये तो मुंह के आगे रूमाल रख लो । किसी को अपना झूठा खाने को न दो । घर के अन्य लोगों की जांच करवा लेना भी अच्छा है । यदि तुम्हारे बच्चों को बी.सी.जी. यानी जन्म का टीका नहीं लगा हो तो डाक्टर को सलाह लेकर शीघ्र लगवा दो । गीता ने जवाब दिया माला बहन इन दोनों बच्चों को पैदा होने के एक महीने के अंदर ही यह टीका लगवा दिया था । खसरा गीता बोली माला बहन खांसी जुकाम तो मेरी मुननी 15




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