माँ और बच्चा | Maa Aur Baccha

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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छे बो की शयु शौर उसके कारण छ ठीक तरह से पूरा करने के लिए सबसे बड़ी शावश्यकता इस बात की होती है कि जिस समय वे स्कूल से पढ़ती है, उस समय उनका शरीर भी ठीक तरह से बराबर बढ़ता रहे, उनकी तस्‍्दुरुस्ती ख़राब न शने पावे। स्वास्थ्य के लिए हानिकारक प्रिस्थिति्या- स्वास्थ्य के जिए हानिकारक परिस्थितियों के जो बुरे प्रभाव हेते हैं, उनसे भी बहुत से दरे ष्टे बच्चे मर जाते हैं । छू ड़े-करकट या यम्दगी, गन्दी इचा या ख़राब नलो ज्ञौर सोरियों आदि का साघारणतः सारे समाज के स्वास्थ्य पर बहुत ही बुरा प्रभाव पढ़ता है; पर छोटी अवस्था के अच्चो पर सो उनका अर भी जल्दी बुरा प्रभाव हाता है} स्वास्थ्य के लिए हानिकारक इन परिस्थितियों का उन स्त्रियों की तस्दुरुस्ती पर भी छुढ़ कम चुरा झसर नही पढ़ता, जिन्हें दिन-रात भायः घरोर्मे बन्द रहना पढ़ता है। उन्हे दिन-रात वैरे रहने की श्नादत पड़ जाती है; उनका मन झुक सा जाता दे और चे प्राय. बेचैन और अमसक्त था दुखी सी रहती हैं । साधारणतः उनकी तम्दुरुस्ती खुराब ह जाती है श्र उनमे से बहुत सी बांस भी हो जाती हैं । ऐसी माताओों से जो बच्चे उत्पन्न होते है, वे आयः बहुत ही दुबले-पतले धर कमज़ोर होते हैं । वे या तो बराबर बीसार रहते हैं श्र था जल्दी मर जाते हैं। इस वात का सदा ध्यान रखना चादिषु कि साफ़ हवा से रहने और 'घर के बाहर धूमने-फिरने था तरह तरह की कसरत करने से शरीर मैं बडुत साफ खन बनता है । केवक् उन्दी जातियों में सबसे अच्छे बच्चे उत्पन्च ह सकते हँ जिनकी स्वास्थ्य-सम्बन्धी श्नौर रहन-सहन की श्चव- स्यये सन्ताषजनक हती है ज्र जो स्वार्थ्यग्रद खुली इवा मे अपना जीवन बिताती हैं । दरिद्रता और साम।जिक अवस्थायें--छोषटे बच्चों के बहुत अधिक मरने के जो बहुत से कारण हैं, उनमे से बहुत से कारणों




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