पंद्रह अगस्त के बाद | Pandrah August Ke Baad

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Pandrah Agust Ke Baad by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सच्चा इस्लाम ७ फिर वहू किसी भी रंग और बनावटका हो, पाकिस्ताने रहनेवाले किसी भी धर्मके लोगोकी एक-सी नुमाइंदगी करता हूं तो से उसे सलामी दूंगा और आपको भी देनी चाहिए । दूसरे शब्दोमे, दोनो उपनिवेशोको एक दसरेके दुरुमन नही बनना चाहिए । राष्ट्‌-सध (कामनवेल्थ)के उपनिवेश या डोमिनियन एक दुसरेके दुश्मन नही हो सकतें । में दुःखभरी दिलचस्पीसे देख रहा हूं कि दक्षिण अफ्रीकाका उपनिवेश हिदुस्तानके दो उपनिवेशोंके साथ कसा बरताव करता है । क्या दक्षिणी अफ्रीकाके गोरे अब भी हिंदुस्तानियोसे नफरत कर सकते हे * क्या दक्षिणी अफ्रीकाके यूरोपियन हिंदुस्तानियों के साथ, रेलके एक ही डिब्बेमे सफर करनेसे भी, सिफ॑ इसलिए इन्कार कर सकंगे कि वें हिदुस्तानी है ? नई दिल्‍ली, २९-७-४७ १२} सचा इस्लाम एकं मुसलमान भाईने जो पत्र मेरे पास भेजा था, उसमेसे , निजी जिक्रको छोडकर वाकी मै नीचे दे रहा हु “इस्लाम सारी दुनियाका धर्म है। उसका महान्‌ संदेश है सत्यके लिए कोशिश करना श्रौर उसे पहचानना । मौलाना जलालुद्दीन रूमीकी नीचे दी गई कवि तपते यह्‌ साफ मालूम होता है कि ख़लीफा श्रली जैसे महात्मा्भरोको भौ सत्यको पानेके लिए कितनी बड़ी ।कोशिश' करनी पड़ती हैः




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