विनाश या इलाज | Vinash Ya Ilaj
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
220
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)बच
बहरगी पार्टियाँ, कृत्रिम आयोजनों केद्साथू हरा प्रकट होने-
वाला च्रानन्द सटा सच्चा न मालूमिरता रया पि श्रानन्द का
ग्रतुभव न करते ये शौर फलतः जवन को श्रविश्वास-पूर्वक देखने लगे
थे । उनके मन मे यदद प्रश्न उठने लगा था, कि क्या यह जीवन सचमुच
ही जीने लायक है ? +
जिन्होंने जरा सतह के नीचे देखने की चेष्या की उन्दने उसे
पाया जिसका प्रत्येक सन्तति, प्रत्येक पीढ़ी को श्रपने लिए पुनः श्नन्वे-
प्रण॒ करना श्रत्यन्त श्रावश्यक हे श्र वह कि केवल सेवा मे, किसी
स्वायं म श्रपनेको खो देने मे, अपनी इच्छा के स्थान पर प्रभु की
इच्छा को स्थापित करने म ही झ्रानन्द है । ऐसे लोगों को उनके जीवन
का कायं बिलकुल चित्रित श्रौर तैयार मिल गया ।
सामाजिक और श्रौद्योगिक स्थितियों के श्रध्ययन ने सैकड़ों
युवा व्यक्तियो को सोसायटी ( समाज ) की चमक-दमक से दूर, निर्जन
साहसिक मागों पर डाल दिया |
आओलिवर श्रीनर का स्वप्न ( 1८०08 नामक एकय्न्थ
प्रका- शित हुआ । इसने अपनी शक्तिमान भावनाओं के द्वारा हजारों
के मन में वैभव के लिए श्रमिमान की जगह लज्जा की श्रनुभृति
पैदा की ।
कितनों ने ससार के उस रुप का स्वम देखना शुरू किया जो
'सब मनुष्यों का सम्मान करोः उक्ति > श्रत॒सार श्राचरण करने प्रर
होता--एक ऐसी दुनिया जहाँ वर्ग, जाति, राष्ट श्रौर धमं की दीवार
नंगी और जद्दों--
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