Ish-Upnishad by शान्त - Shant

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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का लाम होता है । मेरी हृद्यसे थददी अभिलापा है कि स्वामी 'शान्त' के प्रिय शिप्य 'शान्त' के प्रति कद्दी हुई उपनिपदोंकी इस घान-फथाका स्वाध्याय करके सभी शान-प्रे मी छोग श्रसचियाका वास्तविक रस ढूंगे और अपने जीवनकों शांतिंपूर्वफ खुखमय चनाकर शान्तिपथमों विहार करेंगे | दुर्गाभवन भवदीय, ३३ मदनाथपराल लेन लि 'चावनाादी सप्नकिया शान्त कलकत्ता |




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