पश्चिमी यूरोप प्रथम भाग | Pashchimi Yurop Part I

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Pashchimi Yurop Part I by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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जर्सन जातियाँका प्रवेश, रोम साम्राज्यका जघःपतम । ११ ओग जो भपने राज्यो अनन्त समझते थे, उनको खामी सान ले ! ओडेसर घुद्धिमान था) वद श्न बतोको जानताथा) वद्‌ य जानता था कि नामङ प्रतिनिधि बने रटनेसे वास्तविक राज्य दमारे दी हाथमे रहेषा शौर यदि रेखा बदानान किया जायगा तो नव-स्थापित राज्य नष्ठ हो जायगा । इन सबपर ध्याये देकर शोटेसरने पूर्वोंय सम्नाटके पास भ्रपने दूत भेजे और कला भेजा कि--''आप तो खर्य ऐसे प्रतापी भौर तेजखी हे छि साम्राज्यके दो विभाग करनेकी कोई आवश्यकता नहीं है। घर आप दो एकाकी इस विशाल साम्राज्यपर अपना अधिकार रख सकते हैं । पर यदि भाप चाहें तो मैं प्रतिनिधिसखहषप होकर आपके राजकार्येकी पश्चिममें देख- रेख कर सकता हूं ।” ऐसा ही हुआ, परन्तु शोडेसरका यह भाग्य न था कि वेद इटलीकी सूमिपर जमंनोंका आधिपत्य जमावे । थद दी दिन पीछे पूर्वाय गाथके सदौर 'थियोडेरिकने शोडेसरको जीत लिया। थियोडेरिकने दस वर्षतक कुस्तुन्तुनियामें वास किया था घर इस कारण रोम श्राम्नाज्यके भीतरी दालसे परिचित था। जब बह सपने देशकों लौटता तब वहींे पूर्वीय साम्ाज्यकी सीमापर बार-चार शाकमण झर पूर्वोय सम्रादोको तंग किया करता था । इस कारण जब उसने पश्चिम साम्नान्यपर थाधा करना प्रारम्भ किया तो पूर्वीय सम्राट बढ़े प्रसन्न हुए कि एक बखेड़ा इटा | कई वर्षतक थियोडेरिक जीर छोडेसरमें झगदा होता रहा । और सन्ते रावैना नगरमे इसने अपनो दार मानी } सं° ५५० मेँ यियोडेरिकने अपने दा्थेधि उसकी दृत्या की । थियोडेरिक भी भोडेसरके सदा यद्द जानता था कि एकाएक अपने राष्ट्रको भपने ही नामसे स्थापित करना असम्भव है । इस कारण उसने सिकॉपर यूवोय सम्नाट्की सूर्ति बनायी और दर अकारसे यल किया कि सम्राट हमारे नये जर्मनराष्ट्रका समर्थन करें । यद्यपि चद सम्नाट्का समर्थन चाहता था पर वद सम्राट्को किसी प्रकारसे इस्तक्षेप करने देना नदी चाहता था । पुराने कानून जर पुरानी संस्था्ो्ो इखने स्थायी ही रखा । पुराने कर्मबारीगण, पुरानी भान-मर्यादा, सब वैसी दी बनी रदी शौर गाय तथा रोमन दोनों एक दो न्यायालये भेजे जाने . लगे । चारों और शान्ति फैली और विद्याइद्धिणा यल किया गया और सुन्दर भवनोंसि उसने अपनी राजघानी रविचाकों सुशोमित किया । सं० ५८३ में इसका देहान्त दुभा । इसने राष्ट्रको सुसजित सर सुरक्षित किया था, परन्तु उसमें एक बढ़ी न्यूनता यद्द रद गयी थी कि गाथ जाति यथपि किस्तान घर्मकी भनुयायी अवश्य थी, . किन्तु उस विशेष पन्यकी नहीं थी लिसके कि रोमके पूर्वनिचासी थे । इस कारण इन दोनो भति्योमे परस्पर देष धर घणा वनी रदी । जब इटली धियोडेरिकि अपना राज्य फैला रद था उस समय फक नामी श्रोद भौर अटी जाति उत्तरघे ; उततर मामे भा गगरी । इस जातिने यूरोपके इतिदासमे वद्-बद्रा खयै कर दिखाया द ८.




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