श्री स्वामी जी श्री रिख्राज जी (महाराज कर्त) | Shri Swami Ji Shri Rikhraj Ji (maharaj Kart)

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Shri Swami Ji Shri Rikhraj Ji (maharaj Kart) by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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¶ ` १३७ मिथ्याती दानसे नंदन भणीयार मिडक हयो २९ १३८ आएंदने नेम असंजती दानका पा कीया ते षे ! ३३१ १३९ निखु अन तीथी वास्वतीर्थीमि ते विषे ३३१ १७० १५ में कमांदान के विष उत्तर ३३ १९१ परदेसीकी दान श्ञाखा अविरतमे ते विषे ३३९५ १९२ साधु साधवी वास्ते किमाड उघाडा ' कई ते बत्र ३३६ १९३ साध विन ओर पुण्य किहाते उत्र॒ ` ३३८ १९९ पाच वादका चच विषे घ्रश्च उतर. ३३९ १९०५ ३६३ मत एय तं वष ` . . ३०२ १९६ चेहेय शके अर्थ ते विषे . ` ३४६ १९७ दोह प्रवर ग्रंथ करताके नाम की ३४७ १९८ गाधा सायं . २५८ विषयाक्‌ तुताय नागस्य खनुक्रमासका षाक १ श्री सम्यक्तनों अधिकार २५१ ` २ हिस्याना परूपक नायं वचनना बोडन. हर कष्या , ३५२ ३ ज च्वासवा तं परिसवा तेहनो अथे `` ददद ` % दयते मोक पुंडरीक शछध्ययनमध्ये ` ३५९ < हस्या तथा दयापरूप्याना एड , ` ३९६ & दीना प्रस्युत्तर ` ' 24




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