घरों की सफ़ाई | Gharo Ki Safai
श्रेणी : संदर्भ पुस्तक / Reference book
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
100
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१८ - गोच
होता है ¡ इसलिए उनके पतल गोधर की सव दूर कीचड़ मच
जाती हे । हरीघांस, पतला गोवर श्चौर जानवरों का पेश्ाच मिल
कर चड़ी घिनोनी हालत हो जाती है । वदाँ दुर्गन्ध उठने लगती
है, खड़ा नहीं रद्दा जा सकता । आँखों से देखने में नफ़रत पैदा
होती है । गोबर, मृत और बरसात के जज से मिला हृश्रा
कीचड़-चाड़े में जहाँ तहाँ छोटे-छोटे गट्टों में भरा सड़ा करता है।
उन पर मच्छर श्रौर मक्रिियाँ उडत श्योर अणडे देती रहती हैं 1
इस रान्दगी के कद कारण हैं--
(१९) उसे दुर करने मं श्रालस्य ।
(२) उससे दोनत्राली दानियों से वे-खवरी 1
(३) खेती के काम से फुरसत न मिलना |
(४) रारीवी 1!
ऐसा तो कोइ भी नहीं है. जो जान बूमकर अपने लिए
तकलीफ़े, मोल ले । श्रौर किसानों को इस 'गल्दगी के हटाने के
तरीके बता दिये जावे तो, वे जरूर सुखी दो सकते हैं । परन्तु
जो उपाय बताये जावें वे सीघे-सादे श्यौर कम खर्च के हों । क्यों
कि भारत के किसानों की गरीबी इद दर्ज की है। करोड़ों किसान
ठेस हैं जिन्दें दोनों वक्त सूखा रुखा श्न्न भी खाने के लिए नहीं
मिलता 7!)
चाड़े की सफाई का सबसे श्च्छा उपाय यह है कि ढोसों को
नुला न रखा जावे । उन्हें एक कतार में ठीक तरह से वाँधा
जवे, जिसे सभी पलु पना गोवर श्मीर मूत्र एक ही ओर
कर सकें । उनके पीछे की तरफ जमीन छुं ट् रखी जके
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