भारत में सामाजिक परिवर्तन | Bharat Men Samajik Parivartan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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प्रदूषण नगरों की दूसरी प्रमुख समस्या है। प्रदूषण बढ़ने के विभिन्‍न कारण हैं। नगर अपने गंदे मैले जल एवं औदूयोगिक कचयें के 40 से 60 प्रतिशत भाग को 'समीपवर्ती नदियों में बहाते हैं। छोटे शहर अपने कूटं -कचरे तथा मल-मूत्र को खुले नालो के द्वारा समीप की नदियों इत्यादि में डालते है। इसी तरह से नगरीय उद्योग अपनी पुरानी चिमनियों से धुएं एवं गैसों के द्वा वातावरण को प्रदूषित करते हैं। दिल्‍ली मं वाहन उत्सर्जन दूवारा 64 प्रतिशत वायु प्रदूषण की बात सभी जानते हैं। वास्तव में दिल्‍ली निर्विवाद रूप से विश्व के सर्वाधिक प्रदूषित नगरों में से एक है। जो जहर हम वातावरण में घोल रहे हँ बही हमें वायु, जल तथा भोजन के रूप म पिलता है। यह क्रमाः असंख्य रोगों तथा समस्याओं को जन्म देता है जिससे हमारा जीवन दुखों एवं खतरों से भर जाता है। इन सबके बावजूद नगरीय क्ष्रों पे प्रदूषण कौ समस्या को न केवल पहचाना गया है बल्कि परिस्थितियों ` को सुधारने के उपाय भी किए गए हैं। यहां तक कि . भ्रारत के सर्वोच्च न्यायालय ने भी इसमें हस्तक्षेप किया है तथा दिल्‍ली के समस्त प्रदूषण फैलाने वाली इकाईयों को बंद करने का आदेश दिया है। हाल ही में दिल्ली में अप्रदूषणकारी संपीडित प्राकृतिक ईंधन (सी. एन. जी.) का प्रयोग सर्वोच्च न्यायालय दूवारा बसों तथा ऑटोरिकिशा के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। नारौ द्वारा सभी दूसरी तरह कौ समस्याओं का भी सामना किया जाता है जिस पर यहां संक्षिप्तता के खयाल से विचार नहीं किया गया है। इन समस्याओं में नगरीय गरीबी , नगरीय योजनाएं तथा नगरीय प्रशासन प्रमुख हैं। आधुनिकीकरण आधुनिकौकरण एक प्रक्रिया होने से पहते एक विचार हैं। चूंकि यह एक विचार हे, इसलिए समाज विज्ञानी भारतं मे सामाजिक परिवर्तन इसके अर्थं को लेकर एक मत नहीं है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के दशकों में औदूयोगिक पूंजीवादी देशों जैसे - ब्रिटेन तथा संयुक्त राज्य अमेरिका मे माना जाता था कि तीसरी दुनिया में आर्थिक विकास का मूलमंत्र आधुनिकीकरण में निहित है। आधुनिकीकरण की अवधारणा को पूंजीवाद दूवारा प्राप्त किए गए सामाजिक विकास दूवारा समझा गया। इस प्रकार को व्याख्या के दूवारा पश्चिमी चिंतक भारत जैसे विकासशील देशों को यह समझाना चाहते थे कि पूंजीवाद की छत्रेछाया में ही आर्थिक विकास संभव है। इस विचार के अनुसार आधुनिकीकरण तकनीकी परिचय और उसके प्रयोग के ज्ञान पर आधारित है। साथ ही, कई सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियां आधुनिकीकरण को संभव बनाने के लिए आवश्यक मानी गई हैं। इनमें से कुछ निम्नलिखित हैं - 1. स्कूली शिक्षा के स्तर में बढ़ोत्तरी 2. संचार माध्यमों का विकास 3, संचार तथा यातायात को उपलब्धता 4. लोकतांत्रिक राजनीतिक संस्थाएं 5. अधिक नगरीय तथा गतिशील जनसंख्या 6. संयुक्त परिवार के स्थान पर एकाकी परिवार . 7. जटिल श्रम विभाजनं . धरणं का सार्वजनिक जीवन में घरता प्रभाव ५ पदार्थों तथा सेवाओं के विनिमय के लिए पारंपरिक तरीकों के स्थान पर विकसित बाजार! इस प्रकार आधुनिकीकरण सामाजिक व्यवस्था में इन परिस्थितियों की उपस्थिति का परिणाम हैं। यह स्पष्ट है कि यहां आधुनिकीकरण शब्द का प्रयोग बहुत व्यापक अर्थ में हुआ है। इसलिए आधुनिकीकरण के क्षेत्र तथा विस्तार के संबंध में हमें विभिन्‍न अवधारणाएं मिलती ह! कुछ समाजशास्त्री आधुनिकीकरण को उसके संरचनात्मक पक्ष तक सीमित रखते हें तो कुछ उसके




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