गृहोपयोगी विज्ञान | Grihopayogi Vigyan

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Grihopayogi Vigyan by गौरी गांगुली - Gauri Ganguli

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अध्याय पृष्ठ संख्या ९. ऊष्मा-संचरण म ध “ २८६- २६५ संवहन, सनयन, विकिरण, थमस फ्लास्क, वातानुकरूलन १०. प्रका म > - २९६३०५४ ज्योतिष्मान वस्तु, प्रकाश संचरण, प्रकाश का सरल- रंखिक संचरण, किरण-पुज, प्रदीपन तीव्रता तथा प्रदीपन क्षमता, द्रव्यात्मक माध्यम से प्रकाश का गमन, छाया, समर्प छाया वनाना, प्रच्छाया त्तथा उपच्छाया, ग्रहण 1 ११. प्रकाश का परावक्तन ˆ“ त ““ ३०८--३२४ प्रतिविव, दपंण, वास्तविक तथा आभासी प्रतिविव, समतल दपण द्वारा परावत्तंन, प्रतिविव का पाष्वं- परिवत्तंन, दो स्मात्र दपेणो मे प्रतिविव, परस्पर के साथ कोण बनाते हुए दर्पणो पर प्रतिर्विव, दपण मे मनुष्य का अपना संपूणं शरीर देखना, परिदर्णी, वहु- रूपदर्गी, वक्रतल दपेण, अवतल दपंण दारा परावर्तत, उत्तर दपण हारा परावत्तंन । १२. प्रकाश का वत्तन या अपवत्तंन ष * २२५२२ वत्तेन कै नियम, वत्तंन से उत्पन्न दुष्टिभ्रम, संभूणं परावत्तन, मरीचिका, प्रिज्म, प्रकाश विक्षेपन, इन्द्रधनृष । १३. ऊंस क ' हक दे ३६-३४० लेस का प्रकाशीय केद्र, लेंस द्वारा प्रतिधिव बनाना, आवधेक लेस, वर्धक लेस द्वारा आग जलाना, अवत्तल लेस द्वारा प्रतिविव वनाना ।




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