आश्वलायनगृहासूत्रम | ashwalayangrahasutram
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
12 MB
कुल पष्ठ :
282
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)२ आ्वरायनीयगृह्सू बाणा -
सूत्रम् । पृष्टम् 1 |
दहितकामेन।ङ्णस्यो ्रद्याः। १६
$ उमयकभिन पाङ्गु्ठाङ्गुच्क दस्ता |
्रह्यः | ॥
६ अग्युदक्कुम्मपदातिणाकालें वघुजप-
मन्त्रः | डर
७ अरमारोहणे वरनपमन््रः । १७
८ कानहोमप्रकरारः । ८
९ यदि वरो जापद्गन्पप्तर्हिं तिखन.
नावपति |
१० हविषः प्रत्यमिवारः। कि
११ अवत्तत्याप्यामिघार: | व
१२ एवमवदानघम: सवत्र ५
१९ वरकतूकहांममन्त्रा: । १८
१४ सूषुटेनमन्यकं चतु षीहुतिरानम् ।
१५ एके छानानोप्य पश्चाहपीरणयान्ति |
११ शिलाविमुश्वनमू | १९.
१७ दातिणश्चि्वाविमोचनम् | ८4
१८ उत्तरामापि |
१९. सहपद़ीगमन प्रकार:
० उमया; शिरपि वरश्तफपरकम्म-
स्थनटृपतचनम् |
अष्टम खण्डम् |
१ यानारीहणमन्त्र: |
९ नावारोहणम् |
२ उदकोत्तारणम् |
& यदि वधु रोदिति तदेतां जपेत्] +.
$ विवाहायिनयनम् |
९ देशादौ नम्मन्रः] _ २१.
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9 |
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२१ प्रानान्तरगमनेऽननरा वप्रतिः। २०
२२ धुगादिदशनो्रं वधुमनं नेत् । , '
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पूतम् । ` “सा पः पम् ` ` ` भ्।
७ इंसकावलो कनमन्त्र: >
८ गृहप्रवेशमन्त्र | 9.
। ९ उषवेशनदधिभराशषनादि | क
१० वह्मचथधारणादि । २२
{१ तरिरत्रदििह्यचयेषारणम् | ;)
१२ पतवत्रं वा 9
१३ नतोत्तरं वघृवद् रानम् | षं
१४ त्राह्लणेम्योऽन्नदानम् |
१९ सस्त्ययनवाचनम् | ॐ
नवथ खण्ड | |
१ पाणिम्रइणादारम्प गृद्मासिपरिचर्या ।
२ नष्टेडप्री प्रायश्चितत कृत्वा पुनरसिं -
पारिग्रह। | ्
३ एके नष्टेश्यी पत्न्या उपोषण वदान्ति |
४ मचिहोत्रविघानिन।बिपरििहणस |
५ होमादिकाल: | - २४
६ होभद्रव्यम् | #1
७ तदुमाते द्रब्यान्तरकपनमू । +
८ प्तायपरातहमः | 11
| दृश्रभ खण्डम् ।
१ पावंणस्थाठीपाक: | १)
र मोजननियमः | 1
२ इष्मावर्हिषोनेन्वनम् | २९
8 देवताकथनप् | |
५ काम्था देवताः | >
६ निवापप्रकारः । ॥
७ प्राक्षणक्रयनम् | - ९६९
८ मवघातप्रोह्नणश्रपणानि | ॐ
९ एकत्र श्रप वा | ~
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