दिगम्बरत्व और दिगम्बर मुनि | 1827 Digambar Or Digambar Muni
श्रेणी : जैन धर्म / Jain Dharm
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
202
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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भम०-भगवान महावीर, ले बा कामतप्रमाद जैन (सूरत २४५५)
भमबु+-भगवान महावीर और म. वुद्ध, ले.वा. कामताप्रसाद जैन (सूरत,
२४५३)
भमी भटारक मीमासा (गुजराती) (सूरत, २४३८)
भाइ.- भारतवर्ष का इतिहास, ग्रो ईहवरीप्रसाद कृत (इण्डियन प्रेस)।
धाप्राराण- भारतवर्ष के प्राचीन राजव, सा. श्री वितवेरवरनाथ रेउ कृत भाग
१-२ (बम्बई, १९२० व १९२५)।
मजेई.-पराठी जैन लोकाचे इतिहास, श्री अनन्ततनय कृत (वेला
१९१८ ई)
मज्झिम, -मज्झिमनिकाय (वौद् ग्रथ), (ए॥ 725 $0००८॥४ ऽ€11९५)।
मप्राजैस्पा८-मध्यप्रातीय जैन स्मारक, त्र उीतलप्रपाद जी कृत (सूरत)
मजैस्मा.-मद्रास मैसूर प्रान्तीय जैन स्यारक, ब्र. शीतलप्रसाद जी कृत (मग्न
२४५४)
मूला०-पूलाचार, श्री वहूकेरस्वामी कृत
रश्राण~रलकरण्डक श्रावकाचार, स॒ श्री जुगलकिशोर मुख्तार (मा ग्र
बम्बई, १९८२)।
राइ.-राजपूताने का इतिहास, रा.व, गौरीशाकर हीराचन्द ओझा (अगमर
१९८२)।
लाटी~लाटोसहिता, श्री प. दरवारीलाल द्वारा सपादित (मागर व्य्
१९८४)
विर -विद्वदूरलमाला, श्री नाथूराम प्रेमी कृत (वम्वई १९१२ ई.)
विको० -विङवकोष, स श्री नगेनद्रनाथ वसु (कलकत्ता)
वृजैश०-वृहत् जेन शब्दार्णव भरा १, ले. श्री वा विहीलाल जी चंनन्व
(वारावकी, १९२५ ई )।
वेज वेद पुराणादि प्रथो पे जैनधर्पं का अस्तित्व, श्री मक्खननन ङ्न
(दिल्ली, १९३०)
सजै- सनातन जैन धर, श्री चम्पतराय कृता
सागार:-सागार धर्मापृत, स श्री लालाराम जी (सूरत, २४४२)
सप्राजैस्माम-सयुक्तपरानतीय जैन स्मारक, श्र व्र जीतलप्रमाद ज करन । गग
१९२३)।
सूस-सूरीरवर ओर सप्रार, ले.श्री कृप्णलाल (आगय, १९८९)।
दिगम्बतत्व आर दिगम्बर मुनि 7 प्र
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