नाटक और कहानियाँ भाग - 2 | Natak Aur Kahaniyan Bhag - 2
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
13 MB
कुल पष्ठ :
410
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)352 नाटक और कहानियाँ
घरपर नहीं होते तो मुझे कभी-कभी मारती भी है । हां, उसके दांत जरूर
तोड दौ । मे बहुत खु होऊंगा 1
अलमुईन -- मेरा हसमुख शैतान ।
खातून -- तुम उसे अपनी मासे नफरत करना सिंखाते हो * हम सभीमें दोजख-
की आग छिपी है, लेकिन वह इसानी शर्मो-हया और अल्लाहकी मेहरबानीसे
मुहरबन्द है। लेकिन तुम ! तुम उस ताले और मुहरको तोड़कर नरककी
भरपूर लपटोको उठाना चाहते हो, आम इंसानों में पाये जानेवाले घुंएके बादलों -
से तुम्हारा जी नही भरता। यह न समभना कि यह नैतानकी पुडिया मिफ
अपनी मसे गैर कुदरती वगावत करके रुक जायगा! तुम्हें इसके लिये
पछताना पड़ेगा ।
(जाती है)
फरीद -- अव्वाजान, लड़की, उफ, क्या लड़की है ! लड़कियोंमें वस एक है !
मुझे वह लडकी खरीद दो ।
अलमुईन -- अरे फादते उल्लू ! कौनसी लड़की ?
फरीद -- गुलामके वाजारमें दस हजार दीनारमें मिलती है । क्या हाय हैं! क्या
आसे है । कैसे पुटे और कंसे पांव है ! मेरे वाजू उसके गर्द धूम जानेके
लिये वेचैन है
अलमुईन -- मुहव्वतमे मदहोश परिदे मेरे दिलफेक सलोने, तुमने भी तौ हमारे
वजीरके नूरे नजर शोख नूरु्दीनसे कम लड़कियोंको नही जीता है। मेरे डाकू
वुमने मुहरें तोड़ी हैं और ताले चटकाएं हैं। .
फरीद -- यहे आपकी ही तो देन है और आपने ओर मामे मेरे ऊपर इतना खराब
कूवड लाद दिया है कि लड़कियां मुभ देखकर ताने मारती ह । मुभे सिर्फ अन्यी
लड्क्ियोमिं ही मौका मिल सकता है । छि: शर्मकी वात दै ।
अलमूरईदन -- कुवड़, अपनी वादीसे कंसे मुहव्वेत वसूल करेगा ?
फरीद -- वह मेरी वांदी होगी इसलिये मुझसे प्यार करना ही पड़ेगा ।
भलमुईन -- कुवड़े, चल वाजी लगा लें । तू उससे निकाह करेगा ? क्या सुलतान-
कौवेरी पर आंख लगी है ?
अलमुईन -- कया, वजीरकी, मेरे खास दुष्मनकी भतीजी ! अरे मसखरे, वहां तेरी
थादी नहीं हो सकती । \
फरीद -- मैं भी उनसे नफरत करता हूँ. और कुछ हृदतक इस कारणसे भी उससे शादी
कन्गा। शादी करके उसे दिनमें दो वार पीटा करूंगा और उनको खवर भेजता
4
User Reviews
No Reviews | Add Yours...