श्री महाभारतम | shri Mahaabhaaratama
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
59 MB
कुल पष्ठ :
975
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१२ मदाभारतम् ! '
ते्म्यात्यम उवाच । एवमुक्ता से रालान धर्म रोऊ युखि-
छिरम् । प्रचक्रमे निषामनाय शस्वाणां भरत भ ॥ १८ ॥. चेम
इवाव्मनुष्यश्ि सरदाशंक्रथो :जयत् । स्फोताम् लनपदाशान्या-
नजयत कुसुषुड्टव. ॥ १८ ॥ तदुदारं मराघीयषं रपलबलसूरनम।
श्रपज्यमकरोत् पाथो गाण्डौवं सुभयङ्करम् फेर द्येन बौरः
अस्तेतमभ्यरत्तत् परन्तप. । ममुद्धनुपस्तस्य ज्यामजय्या युधि.
छिरः ॥ २२१५ पाद्धालान् ध॑न सग्रास भोमसनाऽजयत् प्रभु. ।
प्रत्यपि्चदटुबद्छनेक स्यत्रायेय दिगजधे॥ २२ ॥ लिपम्य यस्य
विस्फार व्यद्रदन्त रसात् षे) पवतस्यव ठंगसस्य विस्फोट -
मयनेदिव ॥ २३ ॥ रन्धं धन राजान पथ्याम्पत चानघ.)
ख्यापा पं धनुषस्तस्य ममसमाऽतउतारयन ॥२४॥ श्जयत्धय
मामायं धघनुपा सन पार्डूव: ।. सादर एता मरा डा ह्स्ताम्नास्या
नितभा पता ॥ २५ ॥ नस्य बीवी मपाक्पक्छर -सक्रन्टना युधि;
कलले नास्ति म्मा कपे यस्यति नकल स्मृत ॥ +& ॥. टन्सिंगा।
दस्तिगाचारा दिर यमाल्यत प्रभु ! अपल्पमफराद्य सष
दवस्तदरायुधम १२० र्ड़गाद्य द्ाप्रान् दषः कम्नापाय
मानान् । पिपटान् चुरधाराद्य घनुभिनिदथ मसर १५८२८ ॥
देखम्यायन उताच, दथःन्वयामन्नक्न्त दुन्तोपृदा युधि
छिरः! यरुद्यमा पन वार धनष्यमः(नि सिल्लप ॥२<
तामुपारुष्धयनक्ला धमि नियर स्वयम | यानि समस्या उका शान
दिच्यस्पारण्वमन्यत ॥ 3० ॥. यत्र चापश्यस से ये विरोध पि
बर्धालि। नस सानि हट पास, सुगाद पण्थवन्घतन ॥ ३९ ॥ अर
गच्च मतस्यक समवघन्त पाण्उवा ।. विवर्क्षयिप्य न्त नरा दुरा
देवन्यमौनिमास 02२0 अवद' प्रयमलेति गम्घमाप्ाय पूलिकाम ।
'्रधोतिथ्तवघयं माता नदूति वादिन, ॥ ३5 ॥. कृसथरमे;य-
यस्माक पएुनरानदिसाराप था । समास-्पाल उप निस्विति न
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