मध्यकालीन भारत की सामाजिक और आर्थिक अवस्था | Madhyakalin Bharat Ki Samajik Aur Aarthik Avastha
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
123
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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अजंता--धंप्रेज़ी में लेडी हेरिघम का लिखा श्रजन्ता के खोहें का
वणन ।. [1.09 पहापए्रीक्षा 8. ैपक्षाकि . पि'०80068, . [त18
3006, :00007, 1915.]
काइस्यरी--बाणभट्ट की कादम्बरी का श्रैँप्रेज़ी श्रनुवाद ।
| {९8 श्ा110811 0 18119, {1:081816त $ 0, #. दातत,
10010, 1896.
कैथ--संस्छृत-डामा, ए० बी° कय रचित । (^. 7. 1ए७॥)18 ग
38115]111 [07 दा14. 0014, 1924.)
कथास रित्सागर--सामदेवरचित । श्रैप्रेज़ी उल्धा । | {1211812{6
ए 4. प. (दफा6्फु 8ा7त् लतवा{हत [फु पि, #. एलाढछा,
10 ९018 1924. |
लढल--ऊल्लावाक्यानि । श्रैप्रेज़ी उच्था । [11० फू 01त 0 19119
116 10])1161688, {19118186 $ जि {10814 (. कला])16.
(19111111 €, 1941. |
नागानन्श्--प्रीह ष-रचित । श्रम्ेजी उल्था [ ]19118. $ 910
720. 10401, 1872. |
स्मिथ का इतिहास--0101 प्8॥01$ 0 [779 एप ए1९-
(11{ ^. 111. 0:04 1५19.
मासका पेज्ञा-मारको पला की यात्रा । [900 ० शि
29700 010 {1011818{6व ॥$ प्र. १८९८, 2 *018. 10740,
1871.
प्रियदशिका--दषंरचित नाटिका का श्रैँप्रेज़ी उल्था । 17718186
(0 क. 1९. चिकलााता, ^, ४. ४. 86}प80ो 81 (, व. 08.
पिल्फ ४०१. (णपा) (11961811 71688, 1993. |
किरानुस्खादैन-भ्रमीर खुसर का प्रसिद्ध फारसी कान्य । उदू
प्रस्तावना सहित । सेयद् हसन बरनी द्वारा सम्पादित । रटीगढ़, १६१८ ।
रज्ञाबली--्रीहष-कृत नाटिका । श्री शारदा-रंजन राय ङ्त अमरी
अनुवाद । कलकत्ता । १३१४ ।
कपूरमंजरी--राजशेखर कृत नाटिका । भेजी उल्था सहित । [1
01160 ॥¶ € {९0109 . 1611811 11815141100 ४ €. प्रि.
{धाा)9. प्21र४14 [चार्ट 71688, (धाा101., 21988. 1901. |
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