मोन्टीसॉरी शिक्षा - पद्धति | Montisori Shiksha Paddhati
श्रेणी : हिंदी / Hindi
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
64
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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जिस के अनुसार साधारण बालकों को शिक्षा दी जाती थी ।
श्रपनी इस जिज्ञासा को पूर्णतया तृप्त करने के लिए श्राप
रोम के विश्वविद्यालय में द्शन-शास्त्र के विद्यार्थी के रूप
में दाखिल हो गई । इस के साथ-साथ ्रापने प्रायोगिक'
मनोविज्ञान श्रौर मानव-वंदा-शास्त्र का शअ्रध्ययत भी प्रारभ
कर दिया । श्रंध्ययन समाप्त होने. पर श्राप को. रोम. के
विश्वविद्यालय मं मानव-वंरा-शास्व का श्रध्यापक' . नियुक्त
किया गया । . लेकिन श्राप तो बालक की सेवा के. लिए
पदा हृई थीं, इसलिए इस काम में श्राप का मन नहीं
लगता था । श्राप .तो बाल-दिक्षा के लिए ही अपना जीवन
अ्पंण करना चाहती थीं । मानव-्जाति के उद्धार के लिए
ग्राप इसी काम को स्वेश्रेष्ठ मानती थीं |
सौभाग्यवस इस समय इटली में गंदी बस्तियों मं
बसनेवाले मजदुरो के बालकों की. शिक्षा का प्रदन उप-
स्थित हुआ । देशभक्त टालमोना ने माता मोण्टीसोरी से
इस विषय मं बातचीत की श्रौर इन गरीब बच्चों की
शालाग्रों का संचालन करने का श्राप से श्राग्रह किया ।
प्राप तो एसं शुभ श्रवसर की खोज में थीं ही । श्रापने
सहषं श्री टालमोना का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया श्र
अपनी सरकारी नौकरी को ठुकरा दिया । श्राप के मित्रों,
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