हिन्दी साहित्य की ऐतिहासिक चर्चा | Hindi Sahity Ki Aitihasik Charcha
श्रेणी : भाषा / Language
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
164
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)[ ४
यद्यपि इसके कई भेद हैं, परन्तु हिन्दीसाहिव्य मे श्रधोलि-
खित दो भेद बहुत प्रसिद्ध
१ राजनैतिक दोहे अथवा सदुक्तियाँ आदि, जैसे रहीम के
कबीर के वचन |
गीति काव्य ।
इसका लच्तण और वणेन श्रागे किया जाएग
श्रव्य काव्य (गद्य)
इसके कई भाग हैं । जैसे:--
१, उपन्यास
२. कहानी
३, निबन्ध
४. समालोचना
५. जीवनीं
६. पत्र-पत्रिकाएँ
यदि हिन्दी-साहित्य के इतिहास पर एक दृष्टिपात किया जाए
ओर उसकी मुख्य प्रवृत्तियों का अध्ययन किया जाए तो समस्त
साहित्य का इतिहास चार कालों मे विभक्त होता है:-
१ अआदिकाल या वीर गाथाकाल-१०५०-१३५५ सं० तक
२ पूवेमध्य काल या भक्तिकाल-१३५५- १७०० सं० तक
३ उत्तर मभ्य काल या रौतिकाल-१७००-१९०० सं० तक
४ च्राधुनिक काल या गद्य काल-१९०० स......
इन चारों कालों का हिन्दी-साहित्य पढ़ने से मालूम होता है
कि, वतमान युग से पहिले हिन्दी-साहित्य एक ही रूप में 'अथात्
पद्य रूप में हो था। इससे यह स्पष्ट हुआ कि हिंदी-साहित्य अपने
इतिहास के पू के तीन,कालों में पद्य में ही रहा और पयय के हम
दो रूप ऊपर बता आए हैं-प्रबन्ध तथा मुक्तक । संक्षेप में बोत
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