स्वावलम्बन | Swavlamban
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
34 MB
कुल पष्ठ :
272
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)७
बारहवा अध्याय ।
न ०
सदाचार ओर खुजनता ।
मनुष्यके अधिकारकी चीजोंमें चरित्र सबसे बढ़कर है--फ्रेंकिनका चरित्र--
सदाचार शक्ति है--लाई इर्सकीनके चारित्रिक नियम--जीवनका उद्देश ऊँचा
होना चाहिए--सचाई--सुंशी गंगाप्रसादके चरित्र के विषयमें मिस्टर डीलाफोसका
विचार तुम दूसरोको जैसे माद्धम होते हो वास्तवे भी वैसे दी वनो--काम-
काजमें इमानदारी--आदतोंका असर--आदतोंसे ही चरित्र बनता है--आचरण-
शिष्टाचार और दयाछता--सच्ची नम्रता--विलियम और चार्ल्स प्रांट--सेठ राणूरा-
वजी--सच्चा सजन--सज्जनका एक गुण आत्मसम्मान--रानडेकी स्वाभाविक न--
म्रता--एडवर्ड फिजजिरल्ड--सज्जनों के अन्यान्य गुण--इमानदार जोन्स हानवे--
ड्यक आफ वेठिंगटन और निजामका मंत्री--उदारचरित वेलेजठीका १५ लाखकी
सेंट अस्वीकार करना--घन और सुजनता--निर्धनोंमें भी वीर और सज्जन होते
है एक उदाहरण--पालीतानाके जैनबोर्डिंग हौसके मंत्री कँवरजीका सौजन्य
ओर स्वार्थत्याग--सम्रार् फ्रांसिसकी सुजनताका उदाहरण--सज्जन मनुष्य सच्चा
होता है--फेल्टनहार्वे--पाण्डवॉंका वीरव्यवहार--बरकिन्देड और टाइटेनिक जहा-
जोँका हवना ओर वीरता खुजनताके उदाहरण-सन्ननोकौ एक सची परीक्षा
अपने आधीनोके साथ कैसा व्यवहार करते दै--अन्धा ङा मोष्टौ ओर एक युवक--
राल्फ एेबर क्रोम्बीका गुण आत्मत्याग--सच्चे सज्जन और कार्यकुशल मनुष्यका
चरित्र केसा होता है... ... ८.८८. ««« «८ ««« ««« -««एष्ठ २९३ से २४८ तक ।
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