जागती जोत | Jagati Jot
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
35 MB
कुल पष्ठ :
1116
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)माध्यमिक शिक्षा बोड मं राजस्थानी
समस्यावां श्र सुझाव
® डॉ० नरसिघ राजपुरोहित
माध्यमिक रिक्षा बोर्ड राजस्थांन जुलाई ७४ सू' सेकेडरी स्तर माथे राजस्थानी
साहित्य' रं नावम भेक नवौ विस्य लागू कियौ। दण स्तर माथ कक्षा नवीं श्रर दसवीं में
टावरों नै छः विसय श्रनिवायं रूप सु भ्रर तीन विसय श्रैचिकि रूप सू' पढ़णा पड़े।
बोर्ड राजस्थांनी ने कछा-वर्ग रे हेठ प्रैचिक विसय .र रूपमे मानता दीवी।
वोड श्रापरी रीत-नीत रं माफक हरेक पठित विसय खातर, पाठ्यक्रम-समीती रौ
निर्माण करं श्रर उण पाव्यक्रम-समीती री देव-रेख मे ई पाठ्यक्रम रौ निर्धारण हवं । इणं
वास्तं सन् ७४ र॑ स्रुपौत में ई राजस्थानी पाठ्यक्रम-समीती रौ गव्णाहंग्णौ | इण समीती
से सु पेली पाठ्यक्रम री रूप-रेखा वरणाई श्रर श्री ते कियी के सेकेंडरी स्तर मार्थ ७५-७५ भ्र॑कां
रा टो प्रश्न-पत्र रहसी । श्रेक पद्य खातर श्रर दुजी गद्य खातर । प्रश्न-पत्रां री भासा बावत
श्रा वात ते ह्ली के वा सरल राजस्थांनी रहसी, पर परीक्षार्थियां ने श्रा छूट रहसी के वे चावे
तौ सवालां रा पहुत्तर हिंदी में देय सक॑ श्र च।वे तौ राजस्थानी री अन्य कोई वोली 'डायलेक्ट'
में । नियम निर्धारित करर प्रष्न-पत्र रौ कींभाग इसौ राख्यो के जिणरा पहूत्तर राजस्थानी में
देवणा श्रनिवार्य है । उदारण सारू पद्य वादा प्रदन-पत्र में निबंध राजस्थांनी में लिखणौ प्रर
गद्य वाठा प्रदन-पच में श्रपठिति गद्यांस वाछो सवाल राजस्थानी में करणौ श्रनिवाये है ।
पाठ्यक्रम खातर समीती च्यार पोथ्यां ते करी । गद्य संकलन, पद्य संकलन, कथा
संकलन श्र खण्डकाव्य । श्रां पाठ्य पुस्तकां री निर्माण सब ७३ रा श्रंत तांई ह्ग्यौ हो श्र
७४ रं सरूपोत मे ई संपादकां श्राप-श्रापरी पांडुलिपियां बोर्ड ने सुपुरद कर दीवी ही ।
पोथ्यां साफ सुथरी श्रर स्तरानुकुल है। इणां में सगठी विधावां रौ समावेस कर नै
राजस्थानी रा सगछा प्रमुख साहित्यकारां री रचनावां ने स्थान दिरीज्यो है । सगठी पाठ्य
पुस्तकों मे भूमिका, रचनावां रे साग लेखक-परिचय, पाठ-संकेत, वस्तुनिष्ठ, लघुत्तरात्मक
श्र निवबंधात्मक प्रश्न, शन्दकोस, लोकोक्ति, गुहावरा-कोस श्र जरूरी टिप्पणियां दिरीजी
है। दण भात श्रै सगठी पोथ्यां कोई भारतीय भासा री पाठ्य पुस्तकां सु पोची कोनी ।
गद्य-पद्य श्रर कथा-संकलन श्रै तीनू पोथ्यां तौ बोडं राश्रधिकार हेठे मे० स्टूडेंट्स ब्रदसें
जागती जोत { १५
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