श्री वीश स्थानक तप विधि | Shri Veesh sthanak tap Vidhi
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
154
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about मुनि मंगलसागर - Muni Mangalsagar
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( ७ ) |
रचना करे और इस्द्रष्वज चढ़ावे सैप्यमयी अष्ट साङ्-
' लिक चढ़ाषे, सुन्दर वर्ण गंधयुक्त पुष्प फठादि सामान
रखे, और विविध प्रकारका पकवान चढ़ावे, भण्डारमें
यथाशक्ति द्रव्य चढ़ाने, केवलज्ञानकों उत्सव करे और
जिनविम्परं करावे, इस प्ररफार छ मास पन्त अरिहन्त
पदके भाराधनसे सर्वेष्ट सिद्धि होती है । अरिहन्त पद
के आराधनसे देवपालादिक सुखी हुए ।
| इति प्रथम पदराधनं बिधि ॥
॥ अथ द्वितीय पदाराधन विधि ॥२॥
( मोला-- )
5 नमो सिद्धाण” इस पदकी २० माला फेरे ।
( खमासमण-- )
१ सतिज्ञानावर्णि कम रहिताय सिद्धाय नमः
२ श्र तज्ञानावर्णि कम रहिताय सिद्धाय नमः
३ अवधिन्नानावर्णि कम रदिताय सिद्धाय नमः
User Reviews
No Reviews | Add Yours...