सरल मानव धर्म भाग - 1 | Saral Manav Dharm Bhag - 1
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
117
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)इस प्रकार धर्म केवल किसी देवी देवता को पूजा
से या यन्त्र मन्त्र से या तीथ॑ स्नान से पूरा नहीं होता
बल्कि सच्चा धमं तो वह् है जो आदमी के रहन-सहन
चरित्र सभी को हर तरह से सही रास्ते पर लगाये,
उसको अच्छा नागरिक बनाए ओर उसकी आत्मा को
शान्ति पहुँचाए ।
सुख और शान्ति किस में है ? क्या अच्छा भोजन
करने में है ? अगर ऐसा है तो किसी आदमी को चौबीस
घंटे अच्छा भोजन ही खिलाते रहो तो क्या वह सुखी
होगा ? थोड़ी देर के बाद ही उसका पेट अफर जाएगा
और वह कहेगा कि मेरा खाना बन्द करो यह तो मुझे
दुःख दे रहा है । केसा भो स्वादिष्ट क्यों न हो अब
और मैं नहीं खा सकता । इसी तरह क्या सिनेमा
देखने में सुख है ? अगर किसी को चौबोस घण्टे सिनेमा
ही दिखाए जाओ तो सोचो उसका क्या हाल होगा ।
परन्तु क्या तुमने कभी सुना है कि किसी को
ज्यादा ज्ञान प्राप्त हो जाने से बदहजमी हो गई हो ?
आदमी जितना ज्ञान बढ़ाता है उसको उतना ही सुख
मिलता है और ज्यादा ज्ञानी पुरुष ही दूसरों से बड़ा
और अच्छा समझा जाता है ।
जिनको साधारण दुनिया में ऐशो आराम को चोज
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