अलेक्सांद्र पुश्किन चुनी होनी रचनाए भाग १ | Aleksandr Pushkin Chuni Huni Rachanae Part-1
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
318
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)परनक आत्मा ने फिर शनी
कि तुम मेर सम्म जई,
निर्मल, निग्छ्व रूप टरा-मो
मानों उइती-सी परछाईँ।
हद ह्व से फिर स्पत्दित ड
फिर मे भूत अन्तरन्तार,
उसे आम्या , मिरी प्रेरणा
फिर से आयू , जीवन , प्यार!
१८२५
जादे की शाम
नमो दला पुथ तिमिर ५
ड उदाता धधष् माता
सुजा सभी मलना भेना
भभौ दरदरि-या थिस्ताता
दुषु शवर वाब
शभा शृषा चम {वाता
आौर चभी भर नची-शां
आ विरद था वट भषाना॥
उर दशा एना भन
भूना जहा शया श्या
बेल हुई निर का र
कदा शष चुप है! बुर! अन्दर
करा श्न कष करेला में
अत गदर पके बरा
सा चरद बह चुधू है ही
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