ऋग्वेद में गो तत्त्व | Rigved Men Go Tatva
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
11 MB
कुल पष्ठ :
312
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about बद्रीप्रसाद पंचोली - Badriprasad Pancholi
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)'ऋग्वेद में गो तत्व” प्रबंध की विस्तृत रूपरेखा
मनुच्छेद - । -विषय परिचय पृष्ठ 1 “ 15
गो महिमा-कऋग्वेद में गो महिमा, यजुर्वेद में गो महिमा, सामवेद में गो
महिमा, अ्रथवेवेदमें गो महिम, ब्राह्मण ग्रन्थों में गो महिमा, श्रारण्यक व उपनिषदों
में गो महिमा, पुराणों में गो महिमा, रामायण श्रौर महाभारत में गो महिमा, जैन
शरीर बौद्ध साहित्ये गो महिमा, महाकाव्यों मे गो महिमा, स्मृति ग्रन्थोमेगो
महिमा, राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में गो, गो का घार्मिक महत्त्व; गो की महत्ता काश्राधार
ऋग्वेद, परवर्ती साहित्य में गो शब्द के विविध ब्रं ्रौर ऋग्वेद, गो का श्राघ्यात्मिक
रूप, वरुण को कामधेनु |
अनुच्छेद 2 - ऋग्वेद में गो व तदर्थवाची शब्द 16 - 3
शब्द व भ्र्थ-शब्द श्रौर अ्रथ के विषय में दो दृष्टिकोण, शब्द की एकार्थेकता
व ॒ग्रनेकार्थंकता, शलिष्ट णब्दों को श्रनेकार्थकता; पर्यायवाची शब्द, गो शब्द,
ऋग्वेद में गो शब्द पृथिब्रीवाचक गो णब्द, पृथिवी के पर्यायवाची शब्द तथा गौ,
श्रदित्य श्रौर गो, रश्मि के पर्याथवाचो शव्द श्रौर गो, स्तोतु नामोंमे गो शब्द, वाक्
के नामों में गो शब्द, पशु गो तथा उसके पर्यायवाची शब्द,गोका लुप्त तद्धित
प्रयोग, श्रन्तरिक्ष श्रौर गो, संख्यावाची यो शब्द, भारोपीय भाषाश्ों में गो शब्द,
ऋग्वेद में प्रयुक्त गो से बने हुए शब्द, ऋग्वेद में गो से बनी हुई घातु, गो से बने
हुये व्यक्तिवाचक माने जाने वाले पद, यजुर्वेद में प्रयुक्त गो के विशेषण व तदर्थवाची
शब्द, श्रथर्व॑वेद में गो ग्रथवाची शब्द ।
अनुच्छेद - 3 - ऋग्वेद में गो पशु रूप में 40-68
पशु रूप में गो का महत्व, गोधन का उल्लेख, गोमाता, गोहत्या का निषेध,
गो घातक कोदण्ड, गो श्रभक्षणीया, गो प्राप्त श्रन्न, गो दुग्ध व उसका उपयोग,
गायका देही, गो घृत, यज्ञ के लिए गो, गो प्राप्ति के लिए उत्कृष्ट श्रभिलाषा,
गो-पालन, गोग्रों की सेवा, गो चोरी व गो चोर को दण्ड, गोश्रों के लिए युद्ध,
गौग्नो के व्रज, गोचर-भूमि, गोश्रोंके पीनेके लिए जल की व्यवस्था, गोका शरीर,
गो-शरीर को चिल्लित करना, कई वर्णों की गोएं, गो का वात्सल्य, गौ दोहन, ग
दान, गो बेचने व श्रयज्षशील को देने का निपेध, यज्ञादि क्रियाश्रोमे यं का
साधन गौ, गो से यश प्राप्ति, गोग्ों के लिए मगलकामना, मंगलकारिणी गो, वृषभ,
वृषभ कौ कृषि कमें में उपयोगिता, रथ में वृषभ को जोतना, गोप्रों के समूह्
में वृपभ 1 ।
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