नष्टो मोह | Nasto Moh

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Nasto Moh by हरीश भदानी - Harish Bhadani

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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नष्टो. मौह... / १५ श्रपनी पीढ़ियों के लिए पंचभूता जाते हैं विचारे... कायेन मनसा बुद्धया कं वतैरिन््यैरपि योगिन कर्मकुवंन्ति सज़त्यक्त्वात्मशुद्धये चवाते-चवाते सही है तेसल्लीवरूश नही कर पाया हुँ गरव तक अपना एक भी त्फ्सरा कि भ्रादत है मेरे घर के लोगों को चीजें सम्हालने को ते प्राया करते है घर में करीब की चीजें भी तमाशा न बनने देने प्रदशियाना लगाव में; मालूम ही होना चाहिए तुम्हें-- सुद नही घूमती चीजें पुमाई जाती है भने ही श्कारसे - ` - ` -' रख दिया जाता है मुभे तहां { जहाँ वही मान लो जाती है मेस घुरी




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