छाया में | Chhaya Men

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Chhaya Men  by पहाड़ी - Pahadi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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रद. छाया में पे क्‍या जानू | सुनो, मुभ 'तुम्दारी जरूरत थी । आज तक तुमसे एक बात छुपाई है । अब वह सब अपने पास रखना नहीं चाइतीं हूँ । थे चुप रहा । वह मेरा हाथ, श्रपने मे लेकर बोली, जानते हो, मैंने श्रपने जीवन में सच से ज्यादा किसे 'यार किया है? | ---- येने श्रपने दोस्त का नाम लिया | तुमारा समभकना ठीक है ! मैने पत्ति कै प्रति सव॑दा श्रपना कर्तव्य निभाया यह लान कर भी कि तुम्हारे अतिरिक्त मैं किसी से प्रेम नहीं कर सकूगी । यदि इम त्रिंवाह कर जेते, तत्र॒ यह बात निम नहीं सकती थी | इम दोनों में कोई , ऐसा नहीं था, जो दूसरे पर जोर डाल सकता । हम तो एक. से कमजोर थे 1; जानते नहीं हो तुम--एक श्राकषषण होता है पुरुष में । बह तुम सें पाकर भी मेने लाचारी विवाह किया था। तुमने कभी पूछा नहीं, समकाया कब था 1 मैं .' भला क्या कहती । तुमने समभका कि मै च्राजीवन संदष्ट रहूगी | इनकार नदीं ; करती । फिर भी 'एक ख्वाहिश मेरी थी । बढ़ी तुमसे कह, उस भारी मेदं के भार , से अर बरी है। गयो हूँ ।' वह मर गयी थी। तब मैने जाना कि दुनियाँ कुछ बह्म परमौ जरूर टिकी है । तो एक ख्याल श्राया कि जीवन से खेल क्यों न खेल लू । “तने श्रपनी छं नली पिस्तौल में सिफ एक कारतूस भरा है। यह मुभे याद्‌ नहीं है कि वह किस खाने मे हैं । श्रब्र मैं दो 'फ़ायर' हवा में कर, तीसरा श्रे माथे पर करूँगा | सिंफ एक जार ममे परीच्ता लेगी है । थदि वह खाली दोगा या गोली पदली दूसरी मे छट जायेगी, तो मैं. फिर कोशिश नहीं करूं गा शऔर साच लुगा कि सुमे जीना जरूरी दै। यदि मैं मर जाऊं, तब यह एक कहानी ही रहेगी । यदि मै स्च दी मर जाऊ, ता रेल ॐ उन मुसाफिरो का कथनं गलत हागा किं भाग्य से लडकर इम उसे धोखा नहीं दे सकते हैं । कैद एक मरने वाला जरूर था । बह भूतवाला, वकील, क्षय का रोगी या पने का उनमे न गिन, उनका मजाक मैंने जरूर उड़ाया है । श्व शरद खेल, खेल लेने के लिए मजबूर हुआ हूँ |




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