भामाशाह एवम् ठा. ताराचन्द | Bhamashah And Thakur Tarachand
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
126
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)प्राच्क्तथ्नं
मयपुीन राजत्यान बरे इतिहास म मवाड के महाराणा परताप का नाम
र्य ‡ । उ-होन देथमक्नि कुलाभिमान ओर प्या का उक्ृष्ट उगह्रण
तुत कर भारत क दतिहाम म॒एक स्यान निमित उर निया है। प्रापकं
वित््व शर प्रादा कै अनुरूप हौ उनत्त प्रधान मामाह हूना । प्रताप व
िस रागनतिक प्रशासनिक रौर प्रव सवघी कार्यों मे भामाशाहू ता मी
शिष्ट यागदान रहा 1
प्रस्तुत ग्रथ मे मामाशाह श्रौर उसके वशजो को उपलब्धियां पर ऐतिहापिर
(सिष्य म तथ्यात्मक्र प्रालाचनं प्रस्तुत क्या गया है। गय्व व प्रारम्भम
जाप वे श्रतिथिवत शासन श्रौर समाज के अगब क्षेत्रों मे काय करने वाले
धकिित्वा कं एतित्वे विषय इतिहास-तेखन की झावश्यक्ता वा प्र्ट किया
या है। इतिहास का यह पल श्रव तक अधूरा रहा है ।
प्रथमे वित् मामाशाह् रे व भौर पिता भारमत्ल के विंपय में बिव
ण काफी उपयागी है । मारमत्ठ म रणयम्मार कौ क्तिटारा की जिम्मदारी
ता निर्वाह करत हुए मेवाड़ राज्य के प्रति जो निष्ठा और योग्यता प्रदेशित की
उस सवध मं दिषा यया उहापोहस्प विवेचन नयं तथ्याक प्रकट क्रतादै।
लेखक ने भामाशाह की वाल्यकाल मे प्रताप से धनिष्टता ह-गेवारीषृद्ध
मे उसकी भौर उसके भाई ताराचम्द की मुदधकुधरता तथा इसमे सर्म्वा घतश्रयं
धटनाग्रा पर प्रच्छा प्राश उलादै। मदाडम नयी व्यवस्था प्रद थ कायम
मरना तया उसम भामागाह हश प्रायि योगदान श्रादि सथ्यों को युवितिपुर सर
सप्रमार्ण प्रस्तुत बरन का प्रयास विया गया है, जा सवया स्तुत्य है १
मामाशाह के प्रतिरिक्त इस ग्रय में उसके प्रगुज ताराचन सधी रष
लघ्िया पर विवरण त्या गया है। भाधाशाह के साथ ताराचद न सी र्दी
पाटी गुद म महत्वपूण भूमिका निभायो थी । उम प्रताप 7 गोटवाद का हाश्मि
बनाया था । उसे सादडी मे रहते हुए न कंबल सनिक घमियानी का मवातन
रिया घपितु उसने वद्दा मुगल दरवार वो लो दर समीत बना भौर साहिय
धो प्रथय दकरं उनी उप्रतिमरखवितो धो 1 वहा उमे ढाया पिय यय नि्तण
भप भ्रव त्ते विद्यमान ह! भ्रव तक उपलम्व इतिदासा म ताराचद ग्रा व्यश्रि-व
इतना छमर कर सामन नटी भरावा जिदना इनग्रय म स्पर्न प्रिया शया
भामाशाहू वी मृत्यु ने बाद उसता पुव जीदायाह शरीर उसी मयु व दाल
उदा पुत्र प्रपपराज भदा वद प्रधान नियुक्त हुआ । प्रलपराज द्वारा ड गरपुर
पर भाफ्रमण का बर्षेन महा प्रवम् वार् विस्तार से प्रस्तुठ क्या यया है। हर
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