तानसेन | Taanasen
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
147
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( ६ )
गवाक्ष मे बहुत दिनं तक रोग शैया पर पड़े इस्लाम शाह के शव को
श्वेत कफन में लिपेट सहसराम अपने पिता शोरशाह की कब्र के पास
दफनाने भेज दिया था । शव को गये अभी तीन दिन ही हुए थे कि
उसके बारह वर्षीय पुत्र फिरोजशाह को जो सूरवंश का उत्तराधिकारी
बना था; सहसा निजाम खाँ सूर के पुत्र मुबारिक खाँ ने कण मंदिर
शाही हरम में घुसकर तलवार के घाट उतार दिया । पति इस्लाम
शाह की मृत्यु और पुत्र फिरोजशाह के एकाएक भाई के हाथों कत्ल
ही जाने के कारण वीवीबाई पागल हो गई । उसने कर्ण मन्दिर की
छत से छलांग लगा कर आत्महत्या करली । खनी म॒वारिक खां
महमूद शाह आदिल को उपाधि घारण कर गही पर बंठ गया 1
(|
महमूद शाह आदिल जब ग्वालियर छोड कर चुनार के लिये गया
तब उसने दुगं के समी देवालय ढहा दिये थे । दुर्ग के नीचे हिंडोला
द्वार के पास कला के पारखी राजा मानसिंह के द्वारा स्थापित संगीत
विद्यालय भी उसके क्रोध से न बच सका 1 विद्यालय के एक-एक संगीत
कक्ष को नष्ट कर दिया गया । दीवारों को ढहा दिया । उसके वाद्य
यन्त्र तोड़ दिये । और पाषाण कला कृतियां भग्न कर दीं ।
मान मंदिर
हिंडोला द्वार के पास एक शिला-खण्ड पर तच्चा जीवन के गहन
विषाद और विक्षोभ में डूबा हुआ बैठा था 1 वह॒ड्बडबाए नेत्रों से
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