तानसेन | Taanasen

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Taanasen by मुकुल - Mukul

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( ६ ) गवाक्ष मे बहुत दिनं तक रोग शैया पर पड़े इस्लाम शाह के शव को श्वेत कफन में लिपेट सहसराम अपने पिता शोरशाह की कब्र के पास दफनाने भेज दिया था । शव को गये अभी तीन दिन ही हुए थे कि उसके बारह वर्षीय पुत्र फिरोजशाह को जो सूरवंश का उत्तराधिकारी बना था; सहसा निजाम खाँ सूर के पुत्र मुबारिक खाँ ने कण मंदिर शाही हरम में घुसकर तलवार के घाट उतार दिया । पति इस्लाम शाह की मृत्यु और पुत्र फिरोजशाह के एकाएक भाई के हाथों कत्ल ही जाने के कारण वीवीबाई पागल हो गई । उसने कर्ण मन्दिर की छत से छलांग लगा कर आत्महत्या करली । खनी म॒वारिक खां महमूद शाह आदिल को उपाधि घारण कर गही पर बंठ गया 1 (| महमूद शाह आदिल जब ग्वालियर छोड कर चुनार के लिये गया तब उसने दुगं के समी देवालय ढहा दिये थे । दुर्ग के नीचे हिंडोला द्वार के पास कला के पारखी राजा मानसिंह के द्वारा स्थापित संगीत विद्यालय भी उसके क्रोध से न बच सका 1 विद्यालय के एक-एक संगीत कक्ष को नष्ट कर दिया गया । दीवारों को ढहा दिया । उसके वाद्य यन्त्र तोड़ दिये । और पाषाण कला कृतियां भग्न कर दीं । मान मंदिर हिंडोला द्वार के पास एक शिला-खण्ड पर तच्चा जीवन के गहन विषाद और विक्षोभ में डूबा हुआ बैठा था 1 वह॒ड्बडबाए नेत्रों से




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