आत्मोन्नतीचा सरल उपाय | Aatmonnaticha Saral Upay
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
638 KB
कुल पष्ठ :
60
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)९५७
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१२९
२०
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मता भाच प्रगर हाता,
दिष्य (साजाढ गोड़ी ) केल्या
झणुन घिक्कार भदे,
घप्रङ्था करण्याचा गुण प्रगट
होने,
निदा केटी यास्तव विककर भह,
गुगानुत्राद् (प्रशे( करण) प्रमद
हावो.
श्ांघारिक कायमध्ये शानंद
मानिडा यास्व घिक्ड्ार भादे.
घर्मफायं,त भनद् प्रगट हवो.
दुश्षम्बास्वा पद्ध) भवञ
पद्यं शमजण्यादोखेटी समज
( निध्यात्न ) ठेनिद्धी यस्तव
` भिक्कार भह.
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