ऋग्वेद में लौकिक सामग्री | Secular Matter In Rgveda (1988) Ac 6151

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Secular Matter In Rgveda (1988) Ac 6151 by रमन पाल - Raman Pal

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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भूमिका ४ है । ऋरमेव मे कतिपय लौकिक सूक्त ऐसे हैं. जिनमें ऐतिहासिक सन्दभ निहित हैं जिनका ऐतिहासिक आधार राजाओ और राजपरिवारोकौ विजय एवं विजय यात्राओं के वजन हैं । ऋग्बेव मे आर्यों और अनायों का उल्लेख प्राप्त होता है । भारतीय वितानों ने ऋग्वेद में वणित आर्य मौर दस्युओ का भेद जातीय न मानकर गुण कम स्वभाव पर आखित माना है। सोमाभिषवण करने वाले मौर इद्र के उपासक भां कदरलाये एव नसे भिन व्यक्तियोको दास भीर दस्यु सक्चाभौ से अभिहित फिया मया। पाश्वात्य विद्वान आय भर अनायों में ज।तिगत भेद स्वीकार करते है अनीर्यके राजाभोके नाम यथाशम्बर,' पिप्रु तुम भौर शुष्ण आदि प्राप्त होति हँ । अनायें आयों के विरोधी रूप मे वणित है। आय अनार्यो को हराने अपनी बस्तियां बसान आर अपनी सभ्यता का भचार करने में व्यस्त रहते ये । ऋष्बेद मे पणि भी आयो के विरोधी माने गये हैं । पणि कजत निदयी और आसुरो बुद्धि वाले थे । अधिवनी दवों से उनकी बुद्धि को विनष्ट कर उनको उलार बनाने का आग्रह क्रिया गया है । एक स्थल पर इनके समूल वध की कामना की गई है | अन्यत्र इद्र से समस्त शत्रूओ के विनाश वी प्राथना वी गई है । प्रयम मण्डल मे शत्रओ के नियानव नगरो को तोड़ने के लिए इद्रदेव की प्रशसा की गई है ।' ऋ बेद में भायों का शत्रुओं को विनष्ट करने तथा वध करने कै लिए अनेकश इद्र का आह्वान भौर परिणाभत प्रशसा गान प्राप्त होता है ।* ऋ्बेद मे णित युद प्रसगो मे दाशराज युद्ध सबप्रसिद्ध रहा । राजा सुदास कृ दस राजाभी के सध पर प्रथसनीय विजेय का वणन उत्लिखित है।* दानस्तुतियो से भी ऐतिहासिक सदभ प्रकाश में आते हैं ।” यद्यपि इन सूक्तो का मुख्य विषय दानीय वस्तु तथा प्रदत्त राशि का उत्लेखमात्र है तथापि प्र्तगवषा उसमे दाताभोके कूल एव वश परम्परा सम्बधी नामो का वणन प्राप्त हो जाता है जो ऐतिहासिक सामग्री प्रस्तुत करता है । इप प्रकार ऐतिहासिक दष्टिकोण से ऋग्वेद मे राजाओ का वणन उनके विरोधियों की जातियाँ, उनके शमन का प्रयास सबका अनुशीलन एक पथक मवेष १ ऋग्वेद ७११८।२० । २ बही ३।५८।२। ३ बही ११।१८४।२। ४ कशी १०।२६।७ ५ श्हौ १।५४।६। ६ बही १।१००।१८, १।१०३।२३ १।१७६।६ ७ ८। ७- बही ७।१८।१३ ७।१८।१५। ८ वही ५३०।१२ १५ ६।४७।३२ ७।१०।२२ २५ ०।११।३२।




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