श्री चंद्रराजचरित्रम | Srichandrajcharitram
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
25 MB
कुल पष्ठ :
376
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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गृहाखण्डगण्डशलासरस्ललन्ती पाथोधि पूरयन्तौ तत्र प्रवहति, यरिमन्नतिपीवरस्तनकलशदयभारादिता युहुरुत्यातुमशक्ता
विद्ग्धशाङ्िगोप्यो निजगीतरवेण स्फुटकलमग्रयज्ञरीणां भक्तं इरिणनिङ्करम्पं विमोहयन्ति, यत्र चीतकारनिनदवधिरीकता-
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समाचितानां सन्तापवितानपरिमोपकास्तुज्गतामादथानाः पलसम्पद्धिनेमन्तः सच्छाया भूमिरदाः सदेव सरसतया महद्धिस्तुन्यतां
विभति, खनिरलेरङृ्टपच्येविपुरुरुलशालिभिरशेषधन्येः सम्पन्नं यं दुजेनाऽशेवाद्ा दापातीतं पुमांसमिव अररोद्धूता यवग्रहाः
स्पष्टुमम्रसचः । तद्धूभामिनीभालतिलकायमानाऽखिलाऽमानवस्तुविभूषित, नीलमिखितिमविक्लोखकल्नोलमालयाऽपरिमित-
किण स्वकीयेन वारिखातेन तद्रर्नान्यभी प्छुना परयोराशिनेव समन्ततों चेष्टिता, शशाइूविम्बचुम्ननोर्सुके: सेंगीतथ्वनि
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मुखरः प्रासादनिकरेविराजमाना समस्त्यामापुरी प्रथीयसी, सदाविभवसम्पन्नां यामवरोक्य सङ्काऽलकेऽपि जिद्रीचः ।
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