प्रकृति स्वास्थ्य और सौन्दर्य | Prakriti Swasthya Aur Saundarya
श्रेणी : साहित्य / Literature, स्वास्थ्य / Health
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6.54 MB
कुल पष्ठ :
199
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)को कब घर से जाना या घर पर आना है इन बातों को भी ध्यान में रखकर अपने भोजन की किस्म तथा मात्रा का फैसला करना है। 7 किस सदस्य को मानसिक तथा किसे शारीरिक कार्य करना है । आपकी भोजन व्यवस्था में भी ध्यान जरूरी है। यह उनके योग्य हो। 8 प्रोटीन सिनरल तथा विटाभिनयुक्त भोजन स्कूली बच्चों को अधिक मिलना चाहिए । 9 जवानी में कदम रखती लड़कियों के लिए आयरन-युक्त भोजन लाभकर होता है। 10 जवानी के नशे में अपनी खुराक के प्रति उदासीन न रहें । इस समय तो पौष्टिक भोजन अनिवार्य होती है। यह आसानी से पच भी जाता है। अत ताकत बनाए रखें । 11 प्रौढ़ावस्था में पहुंचकर भोजन हल्का तथा सुपाच्य हो । मगर समय-समय पर खाना न भूलें । अन्यथा एकदम कमजोरी आ सकती है। फिर इसकी भरपाई होनी कठिन होगी । 12 चृद्धावस्था में तो और भी संभलकर चलना होगा। भोजन कम चर्बी वाला हो । सुगमता से पचने वाला हो । नियमित समय पर भोजन करने की सलाह दी जाती है। 13 जिस बच्चे के मां-बाप नवजात शिशु से लेकर पहले दस वर्षों तक पूरा ध्यान रखते हैं । आयु के अनुसार पौष्टिक भोजन देते हैं। उन बच्चों की भोजन करने में भी रुचि बनी रहती है। इसके पश्चात् वे अपनी जरूरत का भोजन कर सकने की स्थिति में आ जाते हैं । ऐसे बच्चे का स्वास्थ्य कभी गिरता नहीं । साग-सब्जी की भी कदर करें यर में किचन गार्डन में या बाजार से प्राप्त साग-सब्जी की ओर विशेष ध्यान दें। इसके लिए कुछ निम्न बातें जरूरी हैं- 1 चाहे बाजार से लाएं या अपने किसी अन्य स्रोत से । साग-सब्मी सदा ताजा ही लें । इसका प्रयोग भी समय पर करें । 2 शलगम मूली गोभी पत्ता गोभी मेथी पालक सरसों सबकी पत्तिया प्रयोग में आती हैं । डंडियां डंठल भी खाने के योग्य होती हैं। इन्हें बेकार समझ फेकें मत । इनको सही प्रयोग करें ताकि इनमें उपलब्ध पौष्टिक ततत्व आपके शरीर मे जाकर ताकत प्रदान वरें । 3 आपको हरी पत्तियों से विटामिन मिलेंगे। शरीर की कई कमियां पूरी होगी जिन पत्तियों को कच्चे ही खाया-चबाया जा सके उन्हें सज्ञाद के रूप में प्रकृति और सौंदर्य 13
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