दस्ते सबा | Daste Sabaa
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
121
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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हमेशा सब्ज रहेगी वह शाखे-मिहरो-वफ़ा,
कि जिसके साथ बेधी है दिलों की फ़तहो-शिकर्त।
यह शिश्रे हाफिजे-शौराज ए सवबा ! कहना,
मिले जो तुम से कहीं वह हबीबे-श्रम्बरदस्त ।
“ख़लल पज्ौर बवद हर बिना कि मे बीनी,
बजुज़ बिनाए मुहब्बत कि खाली भ्राज खलल श्रस्त ।”
सेण्ट्ल जेल, हैदराबाद
२८-२६ शभ्रप्रैल, ५२ ई
* जो भी ग्राधार तू देख रहा है, वह दोष-युक्त है । सिवाय प्रेम के
आ्राघार के, जो दोष से मुक्त है ।
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