धर्म सस्त्र पुराने और नए धर्म नियम | Dharma Sastra Purane Aur Naye Dharma Niyam
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
76 MB
कुल पष्ठ :
1116
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)घ्च्याय ।
ततव एक जन जो भागकर चच निकला था उसने जाकर
री छाम को समाचार दिया , वराम तो एमोरी मग्रः
जो एशकोल, शौर श्रानेर, का भाद था, उस के बाज इको
के बीच में रहता था ; और ये लोग झवाम के संय वाचा
चाध हुए थे । यह सुन कर कि उसका मतीजा बन्धुआाई में
गया है, श्रनाम ने, श्रपने तीन सौ 'झठारह शिक्षित,
युद्ध फौश्ल मे निपुण दासों को लेकर जो उस के
कुटुम्ब मे उत्पन्न हुए थे, श्चसख शस धारण करके दान
तक उन का पीदा किया; श्यौर पने दासो के अलग
लग दल बाधकर रात फो उन पर चढ़ाई कर के उन को
मार लिया नौर होवा तक, जो दमिश्र की उत्तर घोर है
उन का पीदा किया । प्रौर वह सारे धन को, रौर अपने
भतीजे लूत, धर उस के घन फो, श्नौर चयो को, और
सब वन्धुरो को, लौ ले श्राया ! जव वह् कदोर्लश्रोमेर
श्रौर उस के साथी राजाश्रो को जीतकर लौयश्रावा था
तव सदाम का राजा, शवे नाम तराई मे, जा राजाकी
भी कहलाती हे, उस से भेंट करने के लिए भाया । तव
शाज्तेम का राजा मेलकीसेदेक, जा परमप्रधान इंश्वर
न्त याजक था, रोटी थोर दाखमधु ज्ञे श्राया । ध्रौर
उस ने श्रव्राम के यह झाशीर्वाद दिया, कि परमप्रधान
ईश्चर की छोर से जा झाकाश और प्रथिवी का ्रधि-
कारी है, तू धन्य हो । ओर धन्य है परमप्रधान ईश्वर,
जिसने तेरे द्रोदियोंको तेरे वश में कर दिया हे । तब
नास ने उस को सब का दशमाश दिया । तच सदोम
के राजा ने, श्रत्रास से कटा, प्राणियों को तो सुरे दे, श्नौर
घन के श्पने पास रख ! श्याम ने, सदोम के राजा से
कहा, परमप्रयान ईश्वर यहोवा, जे चाकाश श्रौर परथिवी
का घधिकारी है, उस की में यह शपथ खाता हू, कि
जो कुछ तेरा है उस में से न तो मैं एक सूत, घर न
जूती का बन्धन, न कोर 'श्औौर वस्तु लूंगा , कि तू ऐसा
न कहने पाए, कि अघाम मेरे ही कारण धनी हुआ । पर
जा कुछ इन जवानों ने खा लिया है और उन का भाग जा
मेरे साथ गए थे : श्रर्यात झानेर, एश्कोल, और मत्रे, मे
नहीं लौटाऊंगा वे तो झपना श्चपना भाग रख ले ॥
( इमाहीस के साथ यद्दीया के याचा चाघने क्षा वरेन)
9५, इन वातो के पञ्चात् यदोवा का यह वचन
|, ह ५ ५
*. दु्शन में वाम के पास पहुंचा, कि हे
'प्रधाम, सत डर , तेरी ढाल श्र तेरा झत्यन्त बढ़ा फल मैं
' ह । श्चास ने कहा, ह प्रभु यद्वा मै तो निर्व ह. घर
मेरे घर का चारिस यह दमिण्की एलीएनेर होगा, सो तू सुमे |
१ क्या देगा ? । घर श्न्रामने कहा, सुेतोत् ने वंश ¦
उत्पत्ति ।
इश्रा एक जन मेरा वारिस होगा । तव यहोवा का यद
वचन उस के पास पहुंचा, किं यह तेरा वारिस न होगा ,
तेरा जो निज पुत्र दोगा, वदी तेरा वारिस होगा ¦ थोर
उसने उस का बाहर ले जाके कदा, ध्राकाश की श्चोर
दृष्टि करके तारागण के गिन,क्यातू उन को गिन
सकता है ? फिर उस ने उस से कहा, तेरा वश ऐसा ही
होगा । उस ने यहावा पर विश्वास किया ; 'और यहीवा
ने इस वात के उस के लेखे में धर्म्म॑ गिना । श्र उस
ने उषसे कहा भै वही यहोवा हु जा तुमे कटदियों के
उर नगर से बाहर के झाया, कि तुम को इस देश का
अधिकार दूं । उस ने कद्दा, हे प्रभु यहावा से केसे जान्'
कि मे इस का अधिकारी हूगा ? यद्दावा ने उस से कहा,
मेरे लिये तीन वर्ष की एक कलोर, श्चौर तीन वपं दी एकं
चकरी, और तीन चर्प का एक मेदा, श्रौर एक पिर्डुक शोर
फनरूतर का एक वच्चा ले ) गौरं इन सभो को लेकर, उसने
बीच से दो झुकडे कर दिया, घर टुकड़ों के ्ाम्हने-साम्हने
रखा पर चिढ़ियों को उस से टुकड़े न किया । और जब
मासाहारी पक्ती लोधों पर कपटे, तब नाम ने उन्दे उड
दिया \ जव सु््यं॑श्रस्त होने लगा, तव श्याम को भारी
नींद झाई ; और देखे, अत्यन्त भय श्ौर महा धन्धकार
ने उसे छा लिया । तब यह्दीवा ने वराम से कहा, यह
निश्चय जान कि तेरे बंश पगए देश में परदेशी होकर
रहेंगे, श्ौर उस देश के लोगों के दास हो जाएंगे ; 'यौर
वे उन को चार सौ वर्ष लो दु ख देंगे , फिर जिस देश
के वे दास होंगे उस को में दरढ दूंगा : 'घौर उस के पश्चाद्
वे वदा धन वष्ट से लेकर निकल थाएंगे । तू ते! झपने
पितरों में कुशल के साथ मिल जाएगा ; तुमे पूरे चुढापे में
मिट्टी दी जाएगी । पर वे 'चोथी पीढ़ी सें यहा फिर-धावेगे :
क्योंकि झव तक पएमोरियों का 'झधर्म्म पूरा नहीं हुआ ।
रौर देसा हुश्रा किं जव सूयं श्चस्त दो गया श्चौर घार
्रन्धकार छा गया, तव एक धंगेटी जिसमे से धृथां उस्ता था
और एक जलता श्या पलीता देख पडा जा उन कटो के
वीच में से दोकर निकल गया ! उसी दिन यहोचा ने श्रव्राम
के साथ यह् वाचा वाधी, कि मिख के महानद् से लेकर
। परात नाम डे नद् तक जितना देष्त है, श्चर्थाव , केनियो,
कनिलिर्यो, कद्मेानियों, दित्तियों, परीलियो, रपादयो,
एमारियो, फनानिर्यो, गि्गाशियों श्रौर यदृसियों का देन
सेंने तेरे चंश को दिया है ॥
( इस्मारल की उत्पत्ति क्ता वमेम)
9 शप्रूत्राम की पती सारे के वो$ सन्तान न
+ था श्र उस के हाजिरा नाम ची
नहीं दिया, श्यौर स्या देखता हूँ, कि मेरे घर में उत्पन्न ! एक मिली ली वी । सो सारे ने घास से कदा, देख, योना
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