बुंदेलखण्ड प्रक्षेप के छात्र छात्रा - अध्यापकों के व्यक्तित्व पारर्श्वदृश्य का अध्ययन | Bundelakhand Prakshetra Ke chhatr chhatra - Adhyapakon Ke Veyktitv Parshvadrishy Ka Adhyayan

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Book Image : बुंदेलखण्ड प्रक्षेप के छात्र छात्रा - अध्यापकों के व्यक्तित्व पारर्श्वदृश्य का अध्ययन  - Bundelakhand Prakshetra Ke chhatr chhatra - Adhyapakon Ke Veyktitv Parshvadrishy Ka Adhyayan

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about आर॰ पी॰ पाण्डेय - R. P. Pandey

Add Infomation AboutR. P. Pandey

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
दि ०. वथ थे ५) 1 क ॥ ५ ०१.११. ५ 11 1 ११५ 1 | 1 | शा! 1 म {1 ई 1 {५ 1.4 म णः. १५.७१० ५ कन +. म्‌ अ ११ न पक ष # क ५. कु ० जि . न के ड 6 ॥ ॥ न न हक ५ | हक ति 1 १/५} [ न व ०५५५ करन कलम 8, गन 1 म ही पल १५ डर व+ 6 आ) स १ भ ० फालेणय 7 छ १) | ्ं ४“ 4 | 44 { ६! + } 4 ष 1 =+ | १ है ५» { है हा ४ रा. नये 1 पर हक दवा ^ ४ 4 ६ ५ ५. श “4 ) ६ ५,६। ४ ५ {+ ^. ~; 4 { कं म ‰ ^ रु 4 ३ ४ ५ ध [न के नौ ९३४५१५५ 0 ५५ (क } ५ ४१५४ ४ ५१ र ५ 1 ( १ | इन श { ५५५८ ५ { ५५ भ १४१५ ५॥ ५४ १ # | 1 ^ ^ ८ यदि, गे = ४ न वका ० क ५१ कलर (एम क # ५५. ^ ^“ † प न 10 ५ ^ १ द्ग 4 | (= ` हा | कि 1 प, | ५. { 1. जी ही मन धन प ¦ १५१ ८4 ( 6) वि जैद (जन केकः ८५५ कोते ही ५ 1 ५५, # 1 = त प = त ५ सु स्पा 0 04 - , ;{ ५ ५५ 8... / प्व मे है 11 1 १४४ | क. ४ ५ { 4 ॥ १, ष 6 ् 0 टन १ . क्छ कद प > भ ५ 11117८11 अर मी), । # न । प क क पु ॥ 1, कै जद कर हहएए० 208! 1 < वकि क तपुर्लनप कम, प प ०४४०१ के: | कफ कर जब प, ण ८५ भ बज परम १ पत्म + पन. ५} ४ 1{ £ से कप ~ | ५1८ ध; 1 ~ 4८ ~. रू 1 ५५४५ ४ 0 4“ # . ^ + ५ ¢ पु 1 ८५ द्द # प ई ४ { ५४५५ ५ के † ५५ कान है प अजगर सम सती 9 कक #। 0८ स्ूकिक शमे मो १११५५१५ } --2 ~ “मर > 1; न क गन, थ १४४१ ० # मच मे दुत लवश्च ६ स्मा £ पके नें 111 लए कवि. असर न दस { ५ { ५:८1 | ‡ {८ { 1 ८.44 । ^ ५ + 4 ( १४. { ५ नु + ५ ००५ +: मम प्र [| | क ४५ १५ ५५४ + ४८, १५, ५ 1 त) प्र गरजे ग भ म न [ थु (1. शुनकः कम जय {* नि ¢ ५, २. नया ^ ) ८ {] ^ ५ {५.५ मा 1 (1 पर 1 3 (न ^ | + पट 1. नर पु (द धनय द (प्व ५ क्रम नें 4 {व + पमा =. । | ५ 117 सर क ति 1.1 4 का कप मुह १0 २. ध 01 ५ 1 क १५५ (ॐ पृ गदर) कूल न. 1 1.1 न्न ही ॥ पु हि लि हट भ ह, प ५४ ५: (। य ध वूः 1 ५५ क | 4 “ ५ लक | 1 ल डे ५१५ ( 8 ५. ५ पन ौ न ( ५ ॥ १ ४; ५५८ ८ | : गं ६ { ५८५ [५ (4 £. । = सुधा द र ह {८1 {14 ~ {£ £ + . 4 { 1 १६ ॥ 1 ॑ ४ ^ ॥॥ (6 सके न कण गन न ५ भ यू ~ गा ॥ +. नस दि {4:८4 पा ः न न द पर पि, भ | ^ है ४५; 1 } प्न # | 1 ५५ ॥ > 1 भन {44 £ > ध्य है भर {= 1८४ 4 ध | रभ. | ले न ५ भ । ^ ६) [ १ १९११५५४१ $ ॥ गे ५४ ५४ ५ पा 3 श ६ 1 प्र 4 व अं न , 1 0 इ 1 न £ ४ वम दिए 3 हि 4 ६ ५ हि हि १ { | 1 १ {,.1 3 1 { # 6 ध | दे | धरा ट था व्य 1 ८4 ५६६1 {= व पाइग दा वन ५: के ह (2 | ह ४) ५ 1... रद सब र 4 भर तर ^ ५५८ । ५ ८ पन ॥ ५१११५५६ ४ ॑ ५ । [५] | |च प कद ते कार 1 [1 1 स 1 + पद... मा 15 1 {5 प्र ~ म ननफिर शक लक थी रहिघन्घलिक बन रद्ध | वततः + [क पत्ता द प ध ज ण ॥ ४ ४ क कक न १०१८११७ थौ |) ह 0 ५ डे ४1 ५ अ (म [1 तु नात क्‌ ह री 1 म 1 1 ५ ८१. ८ } भू | { ४. ५ 1 [लि {` { 1 ४ |. „| 1 | रा | ५ इ्दे १ १५४११०५. । छ ^ च, . ॥; म प्‌ कि थे धिप ग ऽ न्त १ 1 < क हर [न चन्न + ~ क ड ४ ५ सेढ दि, न + र के अ द ङ । १५ शन शधन `, प ~, कु क | ५५१६ पा व, ॥ 1 श 111 1 शिव की) (५ 4 वत ६ ५ कोकते + 1 ककन ५१५५५ १९४ ही ९१} ५ 01 प { ह { प 1 ५५ ] 1 वि नातः | रे ५. {८1 {फन्‌ 9 . ५११ ८411 ४ ५५ + न ८4६4 ॥ ४ है पर, नव व. ॥ 4 न कः प (५५ शी ` ‰४ क भर, चा £ म दर ५१ पिभ के # १५८९९०१ नि भा 1५7! ४ ५१} ॥, ५ 1 न (4 ५), ०१ (ह १.८ १५५; ५१ ४.५. | कद \। + कर ५१, = 11 ५ न्नः च ॥ 1 १ न भ ५५ ॐ तक नि ५, क १) ४, जम हू कर ) भून ॥ न्वनर कसकम्टकर पद त न प क ननकमरिय | +न ८ ^ म्‌ £ दर 1.41 [ ९1 | | -{ (4 ा पं ष | {11 4 . 4 + | ८ { (८ प घर. | नृ £ | {पदप + पध &पा & „ {१ £) {4८.14 ररिड ४ , ^ र ह ५५ ४ ५ पति नम सथा १५७ भत शु | {४ | थणम ॥ दे 4 + | हम कर के कि १५५ श स । 1 ५ ६] £ प व र ५५ ता! ” ५५ | क गु क ततौ ] ४ ॥.॥ न ॥ 1 दर दि लक नमन पा षु न (न 4 हू 0 1 “ 11 4 { क ४. ॥ | | धफ(र वह । अः ४१ 14८4८ १ भ | 4 नद ४ श्र १८६१ ~. श (त । ४ (स श ह | त कु कि, जे + । लः ' कण नम म म + न कर हर || 3 ५ ^~ ४ का का ११ [ १ प कक न 40 ० 4 ॥ क »* & दष ^ सः प फ 4 १५५५५१५५ 1 ॥ । 14 स्तर पयः स न द द्म मर ५५१ 41 दर , प्दतम ¢ के सार | प ८ । ए. त व, नम मा <~ 1 तन ग न कि की 1 । क ष]. शत ष (6 [ ८.01 है ष अधि ¢ | 9 ही ^ पि 1 (1 1 सके की कया करी हा न सवन सर नर पा जो ष्फ फिसी थी विधालस ठै प हि ति 0 भमै ५61 4 षः = 0 अ | द कप छात्र के घर पर और ने किसी को धघिंग थन पट दूधुशन फेर सकते & | ताथ ह श ३ दे (0 म (४ (त हः ॥ पे तक सुन लत । तर (+ -, शन ए ५ व के ति ४, ` सु - र 0, ध “४4 त ८१६५ | ५. 1 | 53५ ८ {{ ॥: ९. नें प. लसन ४ यहय | (1 < र हद + नकल न हो थे 1. , ~ व शिक्षालयों भ क्ती भी प्रकार की परी न करें हतफा कारणं शिक्षा में आये दिन आने [2 क ् 7 डर ताल काम एव षु) तमक मिराच्ट माना गया है । हंस बात सै स्पष्ट हो रहा है कि शिक्षक अपने कार्य ले,




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now