हँसहिंडोल | hanshindol
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
198
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पहिली मचकी १६४
योगिया रे तोहिं योग करत दिन पोते १ शरुव ॥
राजयोग वयोग कयि वू मंत्रयोग लययोग ।
भेमयोग सीसैड नहिं योगी चन्त चला उि रते ॥
योगियी रे ० ॥ १ ॥
लस चोरसौ ्रासन साथेऽ मुद्दा नाद् गैंभीर ।
श्वाषा लै दिगियेऽ गगनपर चित चेवल नटि जीति ॥
योगिया रे °॥२॥
दशम दार खोलेयञ ठम योगी सक्ति क्री तुम लाम ।
भक्ति सदेलिन मर्मन जानेउ हरि न गदेऽ तमं दीति ॥
योगिया रे० ॥ ३ ॥
लघिमा महिमाके याभिलापी दै चित सारं योग ।
हंससरुपहि > असिद्धि सल बिं हि लागत तीति ॥
योगिया रे तहिं योग कत० ॥ ४ ॥
[1
+ श्रशिमा सिमा चैव गरिमा लधिमा तथां ।
श्राप्तिः भराकाम्यमीशिल वशित्वं चाट सिद्धयः ॥
१. थणिमां, २.भहिमा, ३. गरिमा, ४, सधिमा, ५.भाप्ति
६. पाकस्य, ७. ईशित्र घोर “वशित ये ध्राटं भकारकी
सिद्चियां हैं ।
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